संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख किसान संगठनों ने एक बार फिर से किसानों की मुख्य मांगों को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया है। इसके तहत चरखी दादरी में विभिन्न किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने मीटिंग करते हुए किसान आंदोलन की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इस मीटिंग में खाप पंचायत और मजदूर संगठनों के प्रतिष्ठान्ता भी शामिल थी। सरकार के खिलाफ किसानों ने अपनी आक्रोश व्यक्त की और 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के अलावा और भी आंदोलन की शुरुआत करने का निर्णय लिया।
बता दें कि किसान संगठनों के प्रमुख रणधीर कुंगड की अगुवाई में दादरी में कई किसान संगठनों के अलावा फोगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार और अन्य संगठनों के पदाधिकारी एकजुट हो गए। इस मोर्चा के तहत किसानों ने केंद्र सरकार पर अनेक मुद्दों पर रोष जताया और उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की मांगें पूरी नहीं की हैं। किसानों ने आंदोलन के लिए ट्रैक्टर मार्च के अलावा भी विचार-विमर्श किया है और इस माध्यम से वे अपनी आवाज को सुनवाने का निर्णय लिया है। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने भी 16 जनवरी को पंजाब के जालंधर में आंदोलन पर मंथन करने का आयोजन किया है।

पंचायत खापों के सहयोग से उठाए जाएंगे आवश्यक कदम
रणधीर कुंगड ने बताया कि किसान संगठनों ने मीटिंग के बाद आंदोलन की शुरुआत करने का निर्णय लिया है और इसके लिए पंचायत खापों के सहयोग से आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के अलावा भी आंदोलन के लिए तैयारियां शुरू हैं और यदि आवश्यकता पड़ी तो फिर से दिल्ली बार्डर पर डेरा डालकर आर-पार की लड़ाई की जाएगी। किसानों ने केंद्र सरकार पर किसानों की मांगें पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है और इसका प्रतिसाद में वे फिर से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लेते हैं।

संगठित रूप से आंदोलन शुरू करने का लिया निर्णय
किसान संगठनों के प्रमुख रणधीर कुंगड ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा 16 जनवरी को पंजाब के जालंधर में आंदोलन पर मंथन करेगा, जिसमें अन्य संगठनों को भी जुड़ने का आदान-प्रदान होगा। एसकेएम के आह्वान पर किसान संगठन अपने आंदोलन को और बढ़ावा देने का निर्णय लेते हैं। इस तरह से किसानों ने एक बार फिर से सरकार के साथ वार्ता करने की कोशिश करने के बावजूद अपनी मांगों को लेकर संगठित रूप से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। यह देखना होगा कि इस आंदोलन के मोड़ आने वाले समय में कैसे बदलते हैं।