Kisan Andolan 2 Live Updates : हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र भारतीय किसान यूनियन चढूनी के नेतृत्व में किसान आंदोलन को लेकर बैठक हुई। जिसमें विभिन्न खापों के प्रतिनिधियों के साथ, किसान संगठनों ने भाग लिया। बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज यहां पहुंचे सभी संगठनों और खापों ने एक साथ आंदोलन करने का फैसला लिया है। आज शाम को किसान नेताओं की होने वाली सरकार से बातचीत पर उनकी नजर रहेगी। अगर आज की बैठक में बात नहीं मानी गई तो आगे का कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसानों के समर्थन में अब हरियाणा के किसान संगठन व खाप पंचायतें भी सामने आ गए हैं। हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में आज कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर सभी किसान, मजदूर व खाप पंचायतों की बैठक हुई। बैठक में सभी संगठनों ने एक साथ मिलकर इस आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया। इस दौरान किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज यहां पहुंचे सभी संगठनों व खापों ने एक साथ आंदोलन करने का फैसला लिया है। अगर आज की बैठक में किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगे बड़ा फैसला लिया जाएगा।
पंजाब-हरियाणा सीमा पर तनाव बढ़ने पर आंदोलन में कूदे चढ़ूनी
दिल्ली ट्रैक्टर ले जाने के सवाल पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जिसके पास जो वाहन होता है वह उसी से जाता है। किसानों को अपने साथ खाने, रहने का सामान भी ले जाना है। किसान ट्रैक्टरों पर दिल्ली जाना चाहते हैं, लेकिन सरकार पता नहीं क्यों ट्रैक्टरों से इतनी डरी हुई है।
गौरतलब है कि 13 फरवरी को किसानों का दिल्ली कूच अभियान शुरू हुआ तो भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों के इस आंदोलन से खुद अलग बताया था। इसके बाद पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच बढ़ते तनाव के बाद गुरनाम सिंह किसानों को सहयोग देने के लिए आंदोलन में कूद पड़े हैं। इसी को लेकर आज कुरुक्षेत्र में बैठक बुलाई गई थी। बताया जा रहा है कि शाम की बैठक के बाद ही उचित निर्णय लिया जाएगा।
वकीलों के प्रदर्शन में शामिल होकर करेंगे समर्थन, बैठक में 4 सदस्यीय कमेटी गठित
इस दौरान धनखड़ खाप के प्रधान ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि अगर हमें दिल्ली जाना है तो दिल्ली के किसानों के साथ भी बातचीत करनी होगी। इसके लिए बैठक में आज 4 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी दिल्ली के किसानों से बातचीत करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ट्रैक्टरों से अगर इतनी डरी है तो किसानों को रहने खाने की सुविधा कर दे। किसान ट्रेनों, बसों के अलावा पैदल मार्च करते हुए भी दिल्ली चले जाएंगे। वहीं उन्होंने कहा कि 22 तारीख को वकीलों द्वारा ईवीएम को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन का समर्थन उसमें शामिल होकर समर्थन किया जाएगा।