हरियाणा कांग्रेस विधानसभा के बजट सत्र में बिना विधायक दल के नेता के उतरेगी। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने अब तक इस पद के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं की है, जिससे कांग्रेस विधायकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
7 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई, लेकिन इसमें भी विधायक दल के नेता के चयन को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने की, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक विधायक के रूप में इसमें शामिल हुए।
हुड्डा के बिना कांग्रेस को नुकसान, लेकिन विरोधियों को भी साधने की चुनौती
हरियाणा कांग्रेस का नेतृत्व इस समय दो धड़ों में बंटा हुआ नजर आ रहा है। पार्टी में एक बड़ा धड़ा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थन में है, लेकिन कुछ प्रमुख नेता नहीं चाहते कि हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया जाए। हुड्डा समर्थक विधायकों का मानना है कि अगर कांग्रेस ने उन्हें दरकिनार किया तो पार्टी को बड़ा नुकसान होगा। वहीं, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को डर है कि अगर हुड्डा को नेता बनाया गया तो उनके विरोधी नेता नाराज हो सकते हैं, जिससे कांग्रेस को भविष्य में मुश्किलें आ सकती हैं।
बजट सत्र से पहले नेता नहीं चुनने से कमजोर होगी कांग्रेस की रणनीति
हरियाणा सरकार का यह बजट सत्र महत्वपूर्ण होगा क्योंकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहली बार वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश करेंगे। कांग्रेस चाहती है कि इस सत्र में सरकार को कई मुद्दों पर मुद्दों पर घेरा जाए, लेकिन बिना विपक्ष के नेता के यह रणनीति कमजोर हो सकती है।
कांग्रेस विधायकों की राय है कि अगर बजट सत्र से पहले नेता घोषित कर दिया जाता है तो इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी और सरकार को घेरने की रणनीति प्रभावी हो सकेगी। विपक्ष के नेता के अभाव में कांग्रेस की आवाज विधानसभा में उतनी प्रभावशाली नहीं होगी, जितनी हो सकती थी।
वहीं, कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने राज्य के नेताओं से बातचीत के बाद अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया है कि घोषणा कब होगी, इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
विधायक दल के नेता के लिए किन नामों की चर्चा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा विपक्ष के नेता के रूप में डॉ. रघुबीर कादियान और अशोक अरोड़ा के नाम चर्चा में हैं। वहीं, प्रदेश संगठन के लिए कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जितेंद्र भारद्वाज, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, चौधरी वरुण मुलाना, रणदीप सुरजेवाला, अशोक अरोड़ा, राव दान सिंह और गीता भुक्कल के नाम सामने आ रहे हैं।
कांग्रेस नेतृत्व जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहता है। पहले विपक्ष के नेता का चुनाव किया जाएगा और बाद में प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर फैसला होगा।