हरियाणा सरकार ने 1 दिसंबर 2024 से नए कलेक्टर रेट लागू करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नायब सैनी के तहत रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। इस बढ़ोतरी के बाद, जमीनों की रजिस्ट्री के दामों में 20% तक की वृद्धि हो सकती है। चुनाव के कारण यह प्रक्रिया कुछ समय के लिए रुकी हुई थी, लेकिन अब भाजपा की सरकार बनने के बाद कलेक्टर रेट लागू किए जा रहे हैं।
मार्केट वैल्यू के आधार पर बढ़ाए गए रेट
इससे पहले सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में मार्केट वैल्यू का सर्वे कराया था। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में जिलों में मार्केट वैल्यू का पता लगाने के लिए विशेष निर्देश दिए गए थे। उपायुक्तों ने सर्वे के बाद नई कलेक्टर रेट तय की, जो अब लागू होने जा रही हैं।
20% तक की बढ़ोतरी की संभावना
हरियाणा के प्रमुख जिलों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, करनाल, पलवल, बहादुरगढ़ और रोहतक में कलेक्टर रेट में 20% तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। इन जिलों में एनसीआर क्षेत्र का प्रभाव और लगातार बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के कारण कलेक्टर रेट में ज्यादा वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
जमीन की रजिस्ट्री पर असर
नए कलेक्टर रेट लागू होने के बाद जमीनों की रजिस्ट्री महंगी हो सकती है, जिससे आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इन रेट्स का निर्धारण मार्केट रिसर्च और वैल्यू कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है, और राज्य सरकार द्वारा इसका अंतिम फैसला लिया जाएगा।
कलेक्टर रेट से भ्रष्टाचार पर भी नियंत्रण
पहले कलेक्टर रेट में भ्रष्टाचार की शिकायतें अक्सर आती थीं, लेकिन अब निर्धारित कलेक्टर रेट के कारण इस पर काबू पाया गया है। राज्य सरकार को प्रतिवर्ष कलेक्टर रेट तय करने का अधिकार है।