Nuh जिले में आईएमटी(IMT) रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में पिछले तीन महीनों से किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। रविवार को 9 गांवों के किसानों ने महापंचायत(Mahapanchayat) बुलाई। इसमें प्रशासन को चेतावनी दी गई कि अगर एक घंटे में अधिकारी उनकी बात सुनने नहीं पहुंचे, तो आईएमटी रोजकामेव का काम बंद कर दिया जाएगा। इस महापंचायत में कई प्रमुख किसान नेता मौजूद थे और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
बता दें कि महापंचायत की चेतावनी के बाद प्रशासन की ओर से नूंह एसडीएम विशाल, नायब तहसीलदार रवि कुमार, डीएसपी सुरेंद्र सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचे। करीब आधे घंटे तक प्रशासन के अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक हुई। इसके बाद एसडीएम ने उच्चाधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि 11 जून को डीसी धीरेन्द्र खड़गटा के साथ किसान कमेटी की मीटिंग बुलाई गई है। इस अवसर पर किसान नेताओं ने कहा कि अगर 11 जून को डीसी के साथ मीटिंग में उचित निर्णय नहीं हुआ, तो सभी किसान आईएमटी रोजकामेव का काम बंद करने को तैयार रहेंगे।
महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद, किसान यूनियन दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष दलजीत डागर, दिल्ली किसान मोर्चा के अध्यक्ष सत्येंद्र लोचव, देवीलाल मोहना सहित नूंह कमेटी के सदस्य हाफिज सिराजुद्दीन, जाहिद पूर्व सरपंच मेहरोला, तैयब हुसैन घासेडिया, मुबारिक, मोहम्मद एसपी, इरशाद, इरफान, जमशेद, उस्मान, हाजी रफीक, आसब, हाजी शरीफ, दीन मोहम्मद नंबरदार सहित कई किसान संगठन और समाजसेवी पहुंचे थे।
धरने का कारण
2010 में सरकार ने 9 गांवों की 1600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। इन गांवों में खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन शामिल हैं। उस समय सरकार ने किसानों को प्रति एकड़ 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया था। बाद में फरीदाबाद के चंदावली और मच्छगर गांवों के किसानों ने अपनी जमीन का मुआवजा बढ़ाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें प्रति एकड़ 2 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया।
जब नूंह के किसानों को यह पता चला कि फरीदाबाद के किसानों को 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ मिले हैं, तो उन्होंने भी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। सरकार ने उनसे बातचीत करते हुए 46 लाख रुपये प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके। सरकार ने पहले 21-21 लाख रुपये दिए और कहा कि बाकी 25-25 लाख रुपये बाद में दिए जाएंगे, लेकिन आज तक किसानों को यह राशि नहीं मिली है।
धरने की स्थिति
29 फरवरी से धीरदोका गांव में किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। वे तब तक धरना जारी रखने का संकल्प ले चुके हैं, जब तक कि उन्हें उनका पूरा मुआवजा नहीं मिल जाता। 11 जून को डीसी धीरेन्द्र खड़गटा के साथ होने वाली मीटिंग में अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आईएमटी रोजकामेव का काम बंद करने को तैयार हैं।