प्रदेश में बेटी बचाओ बेटी पढाओ के नाम पर ढिंढोरा पीटने वाली सरकार के दावे फेल होते हुए दिखाई पड रहे है, क्योंकि जब राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में ही सुविधाओं का टोटा नजर आएगा, तो अन्य जगहों पर सुविधाओं की बात कैसे सफल नजर आ सकती है।
बता दें कि नूंह शहर के वार्ड नंबर 12 में स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मात्र 1200 वर्ग गज भूमि पर चल रहा है। पढ़ाई के लिए मात्र 12 कमरे ही है। जिसमें 22 सैक्शन कक्षा 6वीं से 12वीं तक की 1068 छात्राएं है। विद्यालय में तीन दर्जन से अधिक शिक्षण स्टाफ है। बेटियों को खेलने के लिए जगह तो दूर सुबह की प्रार्थना सभा में भी जगह नहीं मिल पाती। जगह की कमी के चलते विद्यालय परिसर में मात्र तीन शौचालय हैं।
भेड़-बकरियों की तरह पढ़ रही बच्चियां
सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सार्थक करते हुए पिछड़े जिले नूंह (मेवात) की बेटियां अब पढ़ाई में रुचि लेने लगी हैं। लेकिन पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलने के कारण कई बेटियों को सरकारी स्कूल छोड़ निजी स्कूलों में दाखिला लेने पर विवश होना पड़ रहा है। अभिभावक भी बेटियों के भविष्य से चिंतित होकर उन्हें निजी स्कूलों में भेजने पर विवश हैं। क्योंकि न तो विद्यालय में बैठने के लिए कोई सुविधा है और न ही खेलने की जगह। बंद कमरों के अंदर भेड़ बकरियों की तरह बच्चियों को पढ़ना पड़ रहा है।
बेटियों की शिक्षा को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर : प्राचार्य
वहीं विद्यालय प्रबंधन की माने तो उन्होंने कई बार समस्याओं को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी सहित निदेशालय शिक्षा विभाग हरियाणा को भी अवगत कराया है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा। विद्यालय के प्राचार्य भारत गौतम ने बताया कि बेटियों की शिक्षा को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर है। समस्याओं को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है।
रिपोर्ट लेकर जल्द संज्ञान लिया जाएगा : परमजीत चहल
ज़िला शिक्षा अधिकारी परमजीत चहल ने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी से बात कर या तो विद्यालय को दो शिफ्टों में चलाया जाएगा या पास ही के राजकीय प्राथमिक विद्यालय को दूसरी जगह स्थानांतरित कर कक्षा छठी से आठवीं को वहां शिफ्ट किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट लेकर जल्द संज्ञान लिया जाएगा, बेटियों की शिक्षा को लेकर विभाग गंभीर है।