हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के ऐलान के बाद सोनीपत समेत हरियाणा भर में सभी सरकारी अस्पताल की ओपीडी बंद की गई है। डॉक्टर ओपीडी छोड़कर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। आज पूरा दिन की पेन डाउन हड़ताल है। वही डॉक्टर की हड़ताल के चलते दूरदराज से आने वाले मरीजों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। बच्चे बुजुर्ग और अन्य मरीज इलाज करने के लिए नागरिक अस्पताल आए थे, लेकिन डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते मरीज बिना इलाज के ही वापस घर लौटने के लिए मजबूर है।
डॉक्टरों की मुख्य चार मांगें हैं और दो साल पुरानी है। मांग है कि डॉक्टरों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर का गठन किया जाए। गतिशील सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना लागू होनी चाहिए। एसएमओ की सीधी भर्ती पर तुरंत रोक लगाई जाए और पीजी के लिए बॉन्ड राशि 1 करोड़ से घटा कर 50 लाख किया जाए। यदि मांगें नहीं मानी गई तो 29 दिसंबर से ओपीडी सेवा के साथ इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएगी। अल्लाह की एकदिवसीय हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू है। लेकिन दूरदराज से आने वाले मरीज काफी तकलीफ के साथ परेशानी उठा रहे है।
इसलिए है डॉक्टर्स की हड़ताल
दो साल बीत जाने के बाद भी समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है। 11 दिसंबर को सरकार को एक मांग पत्र भेजकर दोबारा से समस्याओं के समाधान की याद दिलाईगी, मगर उस पर भी सरकार ने कोई रुचि नहीं दिखाई है। जिस कारण डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने का फैसला लेना पड़ा है। डॉक्टर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अपने-अपने दफ्तरों में हाजिरी लगाएंगे, लेकिन काम कोई नहीं करेगा। किसी ट्रेंनिग कार्यक्रम में भागीदारी नहीं करेंगे। इस दिन पोस्टमार्टम होंगे। लेबर रुम खुला रहेगा। डिलिवरी केस डील नहीं किया जाएगा।