हरियाणा के जिला पंचकूला डीसी का पैनल फिर विवादों में नजर आ रहा है। बता दें कि पैनल में जिन 3 आईएएस अधिकारी के नाम भेजे गए हैं, उनमें दो की लोकसभा चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है। पैनल में भेजे गए अधिकारियों में यश गर्ग, पंकज और मनीराम का नाम शामिल है। बता दें कि पंचकूला के उपायुक्त सुशील सारवान को मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत जाने के बाद हटाया गया था। अब पंचकूला डीसी की कमान किसी भी वक्त दूसरे अधिकारी को देने की तैयारी चल रही है। वैसे, राज्य सरकार की ओर से तीन नाम शामिल करते हुए नया पैनल मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि पैनल में शामिल नामों में यश गर्ग एचएसआईडीसी में प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात हैं। फरीदाबाद नगर निगम में हुए घोटाले में उनका नाम बताया जा रहा है। वहीं पंकज लोकसभा चुनाव की ड्यूटी के चलते बाहर हैं। मनीराम मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ स्टेट इलेक्शन का काम देख रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वर्ष 2009 बैच के आईएएस यश गर्ग का पंचकूला उपायुक्त का कार्यभार सौंपा जा सकता है। इससे पहले नए डीसी को लेकर मुख्य सचिव कार्यालय में वर्ष 2009 बैच से 2016 बैच तक के 2 दर्जन से अधिक आईएएस अफसरों के नाम पैनल के लिए तैयार किए गए थे। इनमें से शॉर्ट लिस्ट कर तीन नाम तय किए गए हैं।
उधर पंचकूला के उपायुक्त सुशील सारवान की नई नियुक्ति के आदेश भी जारी नहीं हो पाए हैं। माना जा रहा है कि नए डीसी की तैनाती के साथ ही सारवान को भी नई पोस्टिंग दी जाएगी। पंचकूला के उपायुक्त सुशील सारवान की तैनाती अंबाला संसदीय क्षेत्र में होने की शिकायत भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि पंचकूला के उपायुक्त का अंबाला गृह जिला है। ऐसे में आयोग के निर्देशों के अनुसार उनकी तैनाती सही नहीं है। इसके साथ ही उनकी माता पूर्व में अंबाला के मुलाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुकी हैं। इसके बाद आयोग ने हरियाणा सरकार को तत्काल हटाने के निर्देश जारी किए थे।
वहीं पैनल के 3 नामों के चयन से पहले पंचकूला के नए डीसी की नियुक्ति के लिए पिछले सप्ताह मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से वर्ष 2009 बैच के आईएएस यश गर्ग, पंकज, मनीराम, सुजान सिंह, अशोक कुमार गर्ग, मोनिका मलिक, जयवीर सिंह आर्य, मुकेश कुमार आहूजा का नाम शामिल किया गया था। इसके बाद वर्ष 2010 बैच के राजेश जोगपाल, जितेंद्र कुमार और हेमा शर्मा, वर्ष 2011 बैच के अमित खत्री, विजय कुमार, मुकुल कुमार, अंजू चौधरी, महावीर कौशिक, यशपाल, यशेंद्र सिंह, नरहरि बांगड़ और प्रदीप कुमार और वर्ष 2012 बैच के धीरेंद्र खडगटा, अमना तस्नीम, अजय सिंह तोमर, धर्मेंद्र सिंह, रितू और जयकिशन अधीर के नाम पर मंथन किया गया।
बता दें कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने वरिष्ठता को महत्व दिया है। वर्ष 2013 बैच के पार्थ गुप्ता, प्रदीप दहिया, संगीता तित्रवाल और प्रतिमा चौधरी, वर्ष 2014 बैच के मुनीष शर्मा, अनीश यादव, महावीर सिंह और वीरेंद्र लाठर, वर्ष 2015 बैच के प्रीति, 2016 बैच के अभिषेक मीना, डा. विवेक भारती, डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ, डॉ. जनिंद्र सिंह चिल्लर और डॉ. ब्रहमजीत सिंह रागी का नाम भेजा गया था। इनमें से मुख्यमंत्री कार्यालय ने वरिष्ठता के क्रमानुसार वर्ष 2009 बैच के 3 अफसरों के नाम का पैनल चुनाव आयोग को भेजा है।
वहीं लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय चुनाव आयोग की ओर से राज्यों को जारी निर्देश में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के तबादले का आधार संसदीय क्षेत्र को बनाया गया है। चुनाव के दौरान अपने गृह जिले वाले संसदीय क्षेत्र में अफसरों की तैनाती नहीं की जाएगी। पंचकूला के उपायुक्त के मामले में यह नियम लागू होता था। इसके कारण आयोग ने उनके ट्रांसफर के निर्देश जारी किए थे। इनके अलावा अन्य जिलों की भी शिकायतें चुनाव आयोग के पास अफसरों व कर्मचारियों की शिकायतें पहुंच रही हैं।