Haryana Administration

Haryana Administration : हरियाणा के दो वरिष्ठ IAS अधिकारी Twitter पर भिड़े, Khemka बोलें बेइमानों का गैंग बन गया, Varma का जवाब खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे

पंचकुला

Haryana Administration : हरियाणा के दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ट्विटर पर आमने-सामने हो गए हैं। आईएएस अशोक खेमका एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर नहीं, बल्कि अपने सहयोगी आईएएस अधिकारी संजीव वर्मा से ट्विटर पर जुबानी जंग को लेकर चर्चा में है। अशोक खेमका ने ट्वीट कर कहा कि भ्रष्ट और बेइमानों का गैंग बन गया है, लेकिन अंत में सच चमकेगा। वहीं जवाब में आईएएस अधिकारी संजीव वर्मा ट्वीट कर खेमका पर तंज कसते नजर आए हैं। संजीव वर्मा ने कहा कि जांच से भागने वाले अब सत्य की दुहाई देने लगे हैं, खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। हालांकि दोनों ने एक-दूसरे के नाम नहीं लिखे हैं।

गौरतलब है कि हरियाणा के बहुचर्चित डीएलएफ-वाड्रा लैंड डील पर 2 आईएएस अधिकारी आपस में भिड़ गए हैं। पहले चर्चित आईएएस अशोक खेमका ने लैंड डील की जांच को लेकर सवाल खड़े किए। इसके बाद आईएएस संजीव वर्मा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन पर निशाना साधा। बता दें कि इससे पहले भी करीब दो बार दोनों आईएएस अधिकारी सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ ट्वीट कर चुके हैं। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर भी दर्ज करवा चुके हैं।

अशोक खेमका संजीव वर्मा

अशोक खेमका ने लिखा कि वाड्रा-डीएलएफ सौदे की जांच सुस्त क्यों? 10 साल हुए और कितनी प्रतीक्षा। ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में। पापियों की मौज। शासक की मंशा कमजोर क्यों? प्रधानमंत्री का देश को वर्ष 2014 में दिया गया वचन एक बार ध्यान तो किया जाए। वहीं वर्मा ने जवाब में लिखा कि अपने दोष छिपाने के लिए दूसरों के गिना रहे। आईएएस संजीव वर्मा ने लिखा कि लोग अपने दोष छिपाने के लिए दूसरे के दोष गिनाने लगते हैं, यह भूल कर कि ऐसा करने से वो खुद दोष मुक्त या पवित्र नहीं हो जाते। उन्होंने ऐसे लोगों के लिए एक कहावत भी लिखी है कि औरों को बुढ़िया सिखविद दे अपनी खाट भीतरी ले।

Whatsapp Channel Join

आईएएस खेमका

बता दें कि अशोक खेमका हरियाणा में जनता के मुद्दे और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरते रहते हैं। 14 अप्रैल को ट्वीट कर उन्होंने कहा कि था कि भ्रष्टाचार को काबू करेंगे सब कहते हैं, लेकिन इसके लिए काफी जूझना पड़ता है, जो सब के बुते की बात नहीं। भ्रष्टाचार न हो, तो देश कहां पहुंच गया होता। ऐसे लोग जिन पर घूसखोरी का मुकदमा चल रहा हो, वह भी उसी काले धन से व्यवस्था खरीद लेते है और प्रमोशन पाते है, कैसे रुकेगा भ्रष्टाचार? अभी हाल में ही अशोक खेमका ने कहा था कि गेहूं निर्यात प्रतिबंधित करने से देश में गेहूं की उपलब्धता बढ़ेगी और घरेलू कीमतें गिरेंगी। इससे घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ है, लेकिन हमारे किसानों को हानि होगी। गेहूं की सरकारी खरीद पर हमारे किसानों को बोनस देना क्या उचित नहीं है?

आईएएस अशोक खेमका 1

गौरतलब है कि अशोक खेमका ने कांग्रेस सरकार के समय वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को लेकर सवाल खड़े किए थे। भाजपा ने इसे चुनाव के दौरान राष्ट्रीय मुद्दा बनाया था। वर्ष 2014 के चुनाव में इस लैंड डील को लेकर पार्टी ने प्रचार सामग्री तक छपवाई थी, लेकिन जब पार्टी सत्ता में आई तो इस मामले में कोई भी कार्रवाई अभी तक नहीं की गई। इसके बाद इस डील को क्लीन चिट देने वाले अधिकारी को दोबारा पद देने पर खेमका का यह दर्द छलका है। इससे पहले खेमका ने 11 महीने पहले भी लगातार दो ट्वीट कर इस लैंड डील को लेकर सवाल उठाए थे। खेमका मार्च 2023 में इस मामले में वित्तीय लेन देन की जांच को लेकर सरकार के द्वारा गठित की गई नई एसआईटी पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं।