हरियाणा के Panipat में गोरक्षक के साथ मारपीट और धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार पुलिसकर्मियों पर सख्त कदम उठाए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी लोकेंद्र सिंह ने महज 10 घंटे में दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया, एक को बर्खास्त कर दिया और एक अन्य को ड्यूटी से हटा दिया।
कौन-कौन हुआ कार्रवाई का शिकार:
- EHC सुशील (ERV 560 के इंचार्ज) – सस्पेंड
- EASI शिवकुमार (सनौली नाका इंचार्ज) – सस्पेंड
- SPO सकंद – बर्खास्त
- HKRN ड्राइवर कुलदीप – विभाग को कार्रवाई की सिफारिश, तत्काल ड्यूटी से हटाया गया
क्या था मामला?
गोरक्षक करन ने बताया कि 16 अप्रैल को उसे अवैध पशु तस्करी की सूचना मिली, जिसके बाद वह सनौली थाने गया और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने यमुना नाके पर नाकाबंदी कर एक बोलेरो गाड़ी को रोका जिसमें 6 पशु भरे थे। पशुओं के लिए न चारा था, न पानी। पूछताछ पर गाड़ी सवार कोई वैध दस्तावेज भी नहीं दिखा सका।
कुछ देर बाद एक ट्रक भी पकड़ा गया जिसमें करीब 25-30 भैंसें ठूंसी हुई थीं। दोनों गाड़ियां पुलिस नाके पर रोकी गईं, लेकिन कुछ देर बाद वे तेज रफ्तार से उत्तर प्रदेश की ओर रवाना हो गईं।
जब करन ने पुलिस से पूछा कि गाड़ियां कैसे निकल गईं, तो पुलिसकर्मी आग-बबूला हो गए। करन का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसकी चोटी पकड़कर घसीटा और पीटा, जिससे उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि पुलिसकर्मियों ने उसे रिश्वत देने की पेशकश की, जिसे उसने ठुकरा दिया।
गोरक्षक का आरोप: पुलिस गोतस्करों से मिली हुई
करन का कहना है कि जिस तरह से पुलिस ने व्यवहार किया और गाड़ियों को जाने दिया, इससे स्पष्ट होता है कि कुछ पुलिसकर्मी गोतस्करों से मिले हुए हैं और रात के समय उनसे पैसे की वसूली करते हैं।
पुलिस ने दिखाया एक्शन का सख्त रुख
एसपी लोकेंद्र सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। पुलिस विभाग इस मामले की आगे भी जांच कर रहा है।