Breaking News : (समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) पानीपत के खंड समालखा में रिश्वतखोरी के आरोपी एवं समालखा तहसील के एक कम्प्यूटर ऑपरेटर ने आरटीआई कार्यकर्ता से माफी मांगकर पीछा छुड़वाया है। अब आरटीआई कार्यकर्ता रोहित लाहोट ने नायब तहसीलदार से मांग की है कि तहसील के नीचे रजिस्ट्री कराने की सरकारी रेट लिस्ट लगाई जाए, ताकि आमजन को रिश्वतखोरी करने वाले दलालों से मुक्ति मिल सके। बता दें कि समालखा तहसील में रिश्वतखोरी का धंधा जोरों पर है। ऐसे में आमजन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए समालखा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता रोहित लाहोट ने बताया कि वह करीब दो महीने पहले अपनी रजिस्ट्री की आरईएम कराने के लिए समालखा तहसील कार्यालय में पहुंचे। आरोप है कि इस दौरान उनके कार्य को करने के लिए नंबरदार से लेकर कम्प्यूटर ऑपरेटर तक ने उनसे रिश्वत की मांग की गई थी। जिसमें एक ग्रुप डी का कर्मचारी भी शामिल था। तहसील कार्यालय में रिश्वत की मांग के चलते आरटीआई कार्यकर्ता हरकत में आ गए। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से 31 जनवरी 2024 को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इसकी शिकायत की थी। इसके बाद मंगलवार 9 अप्रैल 2024 को समालखा तहसील कार्यालय में जांच के लिए आरटीआई कार्यकर्ता रोहित लाहोट को बुलाया गया।

इस दौरान आरटीआई कार्यकर्ता रोहित लाहोट ने नायब तहसीलदार को आपबीती से अवगत कराया। जिसको सुनने के बाद नायब तहसीलदार हरकत में आ गए। उन्होंने आरटीआई कार्यकर्ता रोहित लाहोट को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। साथ ही कम्प्यूटर ऑपरेटर ने रिश्वत के पैसे तुरंत वापस देते हुए उनसे माफी मांगी और आगे से किसी के साथ ऐसा नहीं करने का आश्वासन दिया। इस दौरान नायब तहसीलदार ने भी आरोपी को एक आखिरी मौका देने की बात कहीं। जिस पर आरटीआई कार्यकर्ता ने नायब तहसीलदार बात को मानते हुए आरोपी को एक मौका देना सही समझा।

वहीं आरटीआई कार्यकर्ता रोहित लाहोट ने नायब तहसीलदार से मांग की है कि समालखा तहसील कार्यालय के नीचे रजिस्ट्री कराने की सरकारी रेट लिस्ट चस्पा की जाए। जिससे भविष्य में आमजन को रिश्वतखोरी करने वाले दलालों से मुक्ति मिल सके। आमजन को तहसील कार्यालय में आकर परेशानी का सामना न करना पड़े।