Cow shed built in Samalkha

Samalkha में गाय काटने का हत्था लगने की जगह बनी गौशाला, 100 वर्ष पहले सूर्यकवि Pt. Lakhmichand ने रखी थी नींव

पानीपत

Samalkha से अशोक शर्मा की रिपोर्ट : समालखा में जिस जगह पर गाय काटने का हत्था लगना था, वहां पर गौशाला बन गई हैं। जिसकी नींव 100 वर्ष पहले सूर्यकवि पंडित लखमीचंद(Pt. Lakhmichand) जांटी वाले द्वारा रखी गई थी। चुलकाना धाम मंडल भाजपा मीडिया प्रभारी सोनू शर्मा छदिया ने बताया कि 100 वर्ष पहले चुलकाना रोड समालखा(Samalkha) में श्री कृष्ण आदर्श गौशाला बनी हुई है।

जो समालखा और आस-पास के गांवों की सबसे पुरानी गौशाला है एवं इसकी नींव विश्व प्रसिद्ध सांगी पंडित लख्मीचंद जांटी वाले द्वारा रखी गई थी। अंग्रेजों का शासन था और इस जगह पर मुसलमानों द्वारा गाय काटने हत्था लगाने का प्रयास किया, लेकिन समालखा के आस-पास के गांव चुलकाना, किवाणा, पट्टीकल्याणा, नारायणा, मानना, पावटी, जौरासी, डिकाडला, भोडवाल माजरी गांवों के लोगों ने हत्थे का विरोध किया और यहां हत्थे की जगह गौशाला बनवाने का काम किया।

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इसके बारे में जब बुजुर्गों से वार्तालाप की गई, तो उन्होंने बताया कि रोहतक शहर तक के व्यक्ति यहां हत्थे का विरोध करने में शामिल हुए और अंग्रेजी शासन को झुकाया और यहां गौशाला की नीव रखी, पंडित लख्मीचंद ने यहां सांग किए और गौशाला बनकर तैयार हुई। उसके बाद पंडित लखमीचन्द का इस गौशाला से गहरा संबंध जुड़ गया। हर साल सांग करने के लिए यहां उनको लोग बुलाए जाने लगे।

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दादा की परम्पदा को निभा रहे सुपौत्र

वहीं उनके बाद उनके शिष्य सुल्तान पंडित रतिराम और उनके पुत्र तुलेराम ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। आज इस परंपरा को पंडित लख्मीचंद के सुपौत्र विष्णु दत्त निभा रहे हैं। हर साल होली के बाद यहां पर सांग का आयोजन होता है, जो लगभग 100 साल पुरानी परम्परा और पंडित लख्मीचंद की का परिवार इसे बखूबी निभा रहा है। यहां सांग देखने के लिए आस-पास के गांव सहित दूर दराज से भी रागिनी प्रेमी आते हैं।

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सांग के माध्यम से आता है गौशाला में दान

सांग परंपरा हरियाणा की संस्कृति से जुड़ी हुई है। जिसमें मनोरंजन के साथ-साथ वेद पुराणों की बाते हरियाणवी भाषा में लिखी हुई है, जो रागनी के माध्यम से अनपढ़ लोगों तक भी पहुंचाई गई। इसका श्रेय सूर्यकवि पंडित लखमीचंद को जाता हैं। जिसके कंठ में मां सरस्वती का वास था। सांग के माध्यम से एक राजा का प्रजा के प्रति क्या धर्म बनता है, ये सब दर्शाया जाता हैं, चारों युगों का वर्णन सांग की रागनियों में मिलता है। इस अवसर पर गौशाला के प्रधान मैनेजर और आस-पास के गांव के व्यक्ति मौजूद रहे।

दादा लख्मीचंद की आरती व चालीसा से किया सम्मानित

इस अवसर पर सूर्य कवि पंडित लखमीचन्द जांटी वाले के सुपौत्र पंडित विष्णु दत्त को मास्टर राजेश शर्मा पट्टीकल्याणा, पार्षद संजय गोयल, बलवान पहलवान चुलकाना, भाजपा मीडिया प्रभारी सोनू शर्मा छदिया ने दादा लखमीचन्द की आरती और चालीसा का मोमेंटो देकर सम्मानित किया। जिसको मास्टर राजेश शर्मा पट्टीकल्याणा वाले ने लिखा है।