हरियाणा के जिला पानीपत में होली के दिन नहर में डूबे चाचा ससुर और दामाद के शव 3 दिन बाद खुबडू झाल से मिले हैं। दोनों होली खेलकर पानी में नहाने के लिए उतरे थे और नहर में डूब गए थे। इसके बाद पानी में दोनों शव फूल कर ऊपर आ गए थे। जब परिजन दोनों की तलाश में नहर पर पहुंचे तो उन्हें शव किनारे पर दिखाई दिए। जिन्हें गोताखोरों की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया। चाचा ससुर और दामाद दोनों के शवों को जन सेवा दल के सदस्य कपिल मल्होत्रा की सहायता से सिविल अस्पताल लाया गया। फिलहाल दोनों के शवों के शव गृह में रखवा दिया गया है।
लेखराम के अनुसार वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहजानपुर का निवासी है और पिछले 30 वर्ष से पानीपत की गोपाल कॉलोनी में रह रहे हैं। वह तीन बेटों का पिता है। जिसमें बड़ा बेटा राधेश्याम, मंझला बेटा घनश्याम और छोटा बेटा श्याम सुंदर है। उन्होंने बताया कि उनका 30 वर्षीय बेटा राधेश्याम उनके घर के पास अलग कमरे पर रहता था। जिसके पास पिछले करीब 15 दिनों से 35 वर्षीय चाचा ससुर विजयवीर रहता था। वह यही पर काम करता थे। अगले हफ्ते सभी को छोटे बेटे श्याम सुंदर की सगाई के लिए उत्तर प्रदेश जाना था। इससे पहले यह हादसा हो गया।
परिजनों के अनुसार होली खेलने के बाद राधेश्याम नहर में नहाने गया। हालांकि वह तैरना जानता था। शायद शराब पीने की वजह वह ऊपर नहीं आ सका। उसे बचाने के लिए चाचा ससुर नहर में कूदा तो वह भी डूब गया। दोनों को डूबता देख जिला फुरूकाबाद के हमीरपुर निवासी भीम और रमेश कुमार उन्हें बचाने उतरे तो वह भी डूबने लगे। अभी दोनों किनारे पर ही थे, इसलिए समय रहते आसपास के लोगों ने दोनों को बचा लिया। जबकि वह दोनों बह गए। राधेश्याम का 1 बेटा व 2 बेटियों हैं, विजयवीर 2 बेटों और 1 बेटी का पिता है।