Haryana News : (समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) हरियाणा मौलिक शिक्षा महानिदेशक डॉ. आरएस ढिल्लो ने कहा कि जेबीटी अध्यापक एक मां की तरह होता है। जिस तरह से मां अपने बच्चों को प्यार-दुलार से सिखाती है, उसी तरह प्राथमिक अध्यापकों को भी बच्चों को पढ़ाना चाहिए। सभी अध्यापक एक्टिविटी बेस की पढ़ाई को लागू करके कार्य करें, ताकि बच्चे आसानी से सीख सकें।
यह बातें हरियाणा मौलिक शिक्षा महानिदेशक डॉ. आरएस ढिल्लो ने पानीपत के खंड समालखा स्थित राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के प्रशिक्षण शिविर के दूसरे बैच के समापन पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि स्कूल में आए छोटे बच्चों की मानसिक स्थिति को केवल जेबीटी अध्यापक ही समझ सकता है। हर जेबीटी अध्यापक को इस पुण्य कार्य को करके अपनी मेहनत की आहुति अवश्य डालनी चाहिए।

इस अवसर पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राकेश बूरा और खंड शिक्षा अधिकारी नीलम कुंडू ने संयुक्त रूप से कहा कि हर अध्यापक-अध्यापिका को चाहिए कि बच्चे को शिक्षा देते समय उसकी मातृभाषा का पूरा ध्यान रखें, क्योंकि उनके द्वारा बच्चा बहुत ही जल्दी सीखता है। इसके साथ-साथ सभी अध्यापकों द्वारा शुद्ध हिंदी व अंग्रेजी को भी बढ़ावा देने के लिए कार्य करना चाहिए, ताकि बच्चा किसी भी क्षेत्र में पीछे न रहे। उन्होंने कहा कि निपुण भारत के तहत सभी बच्चों को बुनियादी साक्षरता व संख्याओं का ज्ञान का होना बहुत ही जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हर अध्यापक-अध्यापिका का कर्तव्य है कि वह पूरी मेहनत और लगन के साथ बच्चों को पढ़ाएं। उनको अच्छी शिक्षा देकर सकारात्मक रास्ते पर चलाएं। इससे समाज को भी अच्छी राह मिलेगी। कार्यक्रम में नीलम रानी, अर्चना, नरेश कुमार और बृजमोहन के द्वारा फीडबैक दिया गया, जो कि बहुत ही सराहनीय रहा। इस अवसर पर राज्य परियोजना अधिकारी प्रमोद शर्मा, जिला कोऑर्डिनेटर अनिल कुमार, खंड संयोजक सोनिया मोर केआरपी हरीश सोहेल, रेनू बैनीवाल, बबीता, संतोष पुनिया, राजेंद्र कुमार, सुषमा, सरिता, प्रेमलता, संगीता और राजेंद्र सहित अन्य अध्यापक-अध्यापिकाएं मौजूद रहे।