Panipat : पीएम के स्वच्छता अभियान का आरटीआई से खुलासा, हर साल में करीब 40 Crore खर्च करने पर भी केवल कागजों में सफाई

पानीपत

पानीपत, (आशु ठाकुर) : जिले में कभी कांग्रेस राज में सफाई के नाम पर हर वर्ष करीब 3 करोड़ रूपए खर्च किए जाते थे, जो कि अब भाजपा राज में धीरे-धीरे बढ़कर हर वर्ष में करीब 40 करोड़ खर्च किए जाने लगे है, लेकिन उसके बाद भी शहर की सफाई केवल कागजों में नजर आ रही है, क्योंकि धरातल पर जनता को शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर हमेशा शिकायत रहती है।

वहीं नगर-निगम द्वारा खर्च की जाने वाली राशि का खुलासा आरटीआई एक्टीविस्ट पीपी कपूर द्वारा किया गया है, जिन्होंने नगर-निगम की आरटीआई लगाई थी। जिसमें साफ तौर पर स्पष्ट किया गया है कि कांग्रेस राज में खर्च की जाने वाली राशि वर्षभर में 3 करोड़ थी और अब भाजपा राज में करीब 40 करोड़ राशि सालाना खर्च की जा रही है।

इतनी अधिक राशि की क्यों ली गई मंजूरी

Whatsapp Channel Join

बता दें कि शहर के सभी चार जोनों की सफाई पर हर माह करीब 3.55 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है। जिसको लेकर नए टेंडर में दिन एवं रात की सफाई के साथ सड़कों पर घास की कटाई को भी शामिल किया गया था नाला गैंग को भी इसी में शामिल किया गया था।

नगर निगम ने चार जोनों के सफाई टेंडर की फाइनेंशियल बिड मंजूरी के लिए मुख्यालय भेजी थी और मंजूरी मिलने पर ही टेंडर को शुरू किया गया था। चार जोन में सफाई केवल कागजों में ही है, जबकि धरातल पर इसे केवल जीटी रोड के दाए एवं बाए ओर दो जोन में ही माना जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दाए ओर एक और बाए ओर दूसरी एजेंसी सफाई का जिम्मा उठाए हुए है। निगम अधिकारियों ने दोनों एजेंसियों के सभी दस्तावेजों की जांच करने बाद मुख्यालय की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा था।

Screenshot 359

कुछ यूं बांटे गए थे चार जोन

जोन-1 : वार्ड-1 से 7

जोन-2 : वार्ड-8 से 14

जोन-3 : वार्ड-15 से 20

जोन-4 : वार्ड-21 से 26

डोर टू डोर भी नहीं हो पा रहा सफल

जिले में घरों एवं दुकानों से डोर टू डोर कचरा लेने के लिए जेबीएम एन्वायरों नामक कंपनी को टेंडर दिया गया है, लेकिन शहर की जनता की हमेशा शिकायत रहती है कि डोर टू डोर करने के लिए रोजाना कंपनी की गाडियां नहीं पहुंचती है। जिसके कारण आस-पास लगते खाली प्लाटों का सहारा लेना पड़ता है। जहां बारिश होने के बाद महामारी फैलने के आसार बने रहते है, क्योंकि प्लाटों से कचरा उठाने के नाम पर कंपनी अधिकारियों द्वारा एक ही बात को आगे कर दिया जाता है कि हमारा काम सड़कों एवं प्लाटों से कचरा उठाने का नहीं है, हमारा काम केवल डोर टू डोर करने का है।

डम्पिंग प्वाईंट भी बदला

नगर-निगम की ओर से पूरे शहर का कचरा एक ही जगह पर एकत्रित करने के लिए पहले जेबीएम कंपनी को सैक्टर 25 में हुडा विभाग की जमीन को दिया गया था, लेकिन पार्षद एवं जनता के विरोध करने के बाद अब उस जगह को बदलकर कंपनी को सिवाह गांव के पास दूसरी जगह दी गई है। जहां कंपनी द्वारा कचरा रोजाना डाला जा रहा है, लेकिन ग्रामीणों का विरोध वहां भी जारी है। जिनका कहना है कि हमारे गांव का माहौल भी कचरा डलने से निंबरी डम्पिंग प्वाईंट जैसा हो जाएगा। इसलिए प्रशासन कंपनी को कचरा एकत्रित करने के लिए कोई दूसरी जगह उपलब्ध करवाए।

नेताओं द्वारा नहीं दिया जा रहा कोई ध्यान

शहर के नेताओं द्वारा सफाई के मुद्दे पर भले ही पार्षदों सहित जनता की शिकायत को सुनने का काम किया जाता हो, लेकिन सफाई के मुद्दे पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। बाहरी कालोनियों में आज भी खाली पड़े प्लाटों का दृश्य कचरे से भरा हुआ नजर आ रहा है, जिन्हें न ही प्लाट मालिक खाली करवाते है और न ही नेताओं द्वारा निगम अधिकारियों से कोई जवाबदेही की जाती है। वहीं इतनी राशि खर्च करने पर भी नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है, उनके द्वारा इस पर कोई सवाल नहीं किया जा रहा।