Panipat : इस्कॉन कुरुक्षेत्र(ISKCON Kurukshetra) व इस्कॉन प्रचार समिति(ISKCON Prachar Samiti) के संयुक्त तत्वाधान में ऐतिहासिक नगरी पानीपत में श्रीमद् भागवत कथा(Shrimad Bhagwat Katha) व भगवान श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
प्रातः कालीन सत्र में एक प्रभात फेरी का आयोजन किया गया जो कि हरि नाम का संकीर्तन करते हुए स्थानीय अंसल सुशांत सिटी के लोगों को श्रीमद भगवत कथा सुनने के लिए, भगवान श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा एवं श्री कृष्ण भक्ति के लिए प्रेरित किया और कमल गोयल के यह प्रभात फेरी का सुंदर प्रसाद के साथ समापन हुआ। श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन सायंकालीन सत्र में सारे पांडाल में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया गया। सारे पांडाल को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया। ‘नन्द के आन्नद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोडा पाल की जय कन्हैया लाल की’ के जयकारो से सारा पंडाल भक्ति मय हो गया। आज के दिन सैंकड़ों महिलाओं द्वारा अपने हाथों से मनमोहक एवम स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर भव्य व सुंदर मटकियों में सजाकर भगवान श्री कृष्ण जी के भोग के लिए पंडाल में लाया गया। जिसमें से इस्काॅन कुरूक्षेत्र के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास(Sakshi Gopal Das) ने 11 सुंदर मटकियों का चयन किया और उनको सम्मानित किया गया।
कथा व्यास में भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला का वर्णन करते हुए साक्षी गोपाल(Sakshi Gopal Das) ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अपने छोटे-छोटे गवालो का एक समूह बनाया और वे एक-एक घर में माखन की चोरी करते कभी माखन की मटकी फोड देते थे और माखन खा लेते थे। एक बार गोपियां भगवान श्रीकृष्ण की शिकायत करने माता यशोदा के पास गई और शिकायत करते हुए कहा कि आपके लल्ला ने माखन की चोरी की है और माखन की चोरी के बाद माखन की मटकियां भी फोड दी है। भगवान श्री कृष्ण ने मना करते हुए कहा कि मैंने माखन की चोरी नही की है, ये सारी गोपियां झूठ बोल रही है, वास्तव में ये सारी गोपियां मुझे देखना चाहती थी। माता यशोदा ने अपने पुत्र श्री कृष्ण की ही बात मानी।
श्रीकृष्ण की करें अनन्य भक्ति
साक्षी गोपाल दास(Sakshi Gopal Das) ने बताया कि एक बार महारानी कुंती को जब पता चला की श्री कृष्ण जो की उनके भतीजे है, वो असलियत में और कोई नही स्वयं भगवान नारायण है, तब महारानी कुंती ने भगवान श्री कृष्ण को प्रणाम किया और उनसे एक वरदान मांगा की भगवान श्री कृष्ण उन्हें श्रृष्टि के इन सभी दुखी को उनके झोली में डाल दे, ताकि महारानी कुंती उन्हें याद कर सके, क्योंकि दुख में ही भगवान याद आते है, सुख में नही कहा भी गया है कि दुख में सुमरान सब करे सुख में करे न कोय जो सुख में सुमरण करे दुख कहेको होए। हमें भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्ति करनी चाहिए तथा पूर्ण शरणागति लेनी चाहिए, क्योकि भगवान श्री कृष्ण पूर्ण शरणागत अपने भक्त की तत्काल रक्षा करते है।
द्रोपदी की लाज बचाने कोई नहीं, स्वयं कृष्ण ही आए थे
जब द्रोपदी की लाज खतरे में पड गई थी, तो उसने सबको पुकारा अर्थात भीष्म पितामह, भीम, युधिष्ठिर इत्यादि तथा अन्य देवताओं को भी पुकारा, परंतु कोइ भी उसकी लाज बचाने के लिए नही आया, उसके पशचात उसने भगवान श्रीकृष्ण को एक हाथ उपर करके पुकारा तथा दूसरे हाथ से अपनी साडी के पल्लू को संभाले रही तो भी भगवान श्रीकृष्ण नही आए उसके पश्चात उसने भगवान श्रीकृष्ण को दोनों हाथ उपर करके पुकारा तो भगवान श्रीकृष्ण तुरंत आ गए और उन्होंने द्रोपदी की लाज बचा ली और एक सुंदर भजन गाया कि काम करते रहो नाम जपते रहो, काम करते रहो नाम जपते रहो, नाम धन का खजाना बढ़ाते चलो, कृष्ण गोविंद गोपाल गाते चलो’।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संसद संजय भाटिया की पत्नी अंजु भाटिया व समाजसेवी सोनिया शर्मा ने साक्षी गोपाल दास से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर इस्कॉन प्रचार समिति के अध्यक्ष सुन्दर लाल चुघ, आशु गुप्ता, अशोक गोयल, बोबी गुप्ता, विशाल गोयल, आशीष अग्रवाल, अरविंद सिंघल, इंद्रजीत कथूरिया, हैप्पी लक गुप्ता चैरमना घरौंडा देवेंद्र महाजन, सन्नी अग्रवाल, संजय मंगला, पंकज शर्मा, शशि शर्मा, ओम कृष्ण दास इत्यादि उपस्थित रहे।