रेवाड़ी में ग्राम पंचायतों का अजीबोगरीब फरमान…विशेष समुदाय के गांव में घुसने पर लगाई रोक

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नूह में हुई हिंसा के बाद अब प्रदेश भर में शांति का माहौल है, इसी बीच रेवाड़ी के ग्राम पंचायत ने अपने-अपने क्षेत्र के थाना प्रभारी को एक पत्र के माध्यम से विशेष समुदाय और शरारती तत्व प्रोग्राम में आने से रोकने की बात कही।

गौरतलब है कि नूह में हुई हिंसा के बाद नूंह से लगते जिले फरीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी व पलवल में भी छोटी मोटी घटनाएं देखने को मिली थी, लेकिन अब हर जगह शांति का माहौल है। प्रशासन की तरफ से लगाई गई धारा 144 भी हटा दी गई है। लेकिन इसी बीच रेवाड़ी जिले की ग्राम पंचायत ने विशेष समुदाय और शरारती तत्व के गांव में आने से पूर्व परमिशन लेने व फेरी वालों पर पाबंद लगाने की बात कही है। जिसके लिए उन्होंने पूर्व में हुई चोरी की घटनाओं का हवाला दिया।

विशेष समुदाय के आने से गांव में हो सकती है अशांति

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उन्होंने कहा कि विशेष समुदाय के आने से गांव में अशांति हो सकती है, इसके चलते यह फैसला लिया गया है। जिसमें ग्राम पंचायत बास, ग्राम पंचायत अहरोद, ग्राम पंचायत मनेठी, ग्राम पंचायत नांगल (मूंदी), ग्राम पंचायत चुनाव चिमनावास, ग्राम पंचायत सहारनवास, ग्राम पंचायत कारौली, ग्राम पंचायत बुडपूर, ग्राम पंचायत बोडिया कमालपुर शामिल है।

गांव में घुसने से रोकने की कही है बात : उपायुक्त

मामले में जिला उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा का कहना है कि रेवाड़ी की कुछ ग्राम पंचायत ने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले थानों के प्रभारी को एक पत्र लिखा है। जिसमें विशेष समुदाय से संबंध रखने वाले व्यक्तियों को गांव में घुसने से रोकने की बात कही है और गांव छोड़ने की बात कही है। अगर कोई अनहोनी होती है, तो वह व्यक्ति विशेष स्वयं जिम्मेदार होगा।

इसमें अभी तक जो जानकारी सामने आई है। गांव की तरफ से कोई भी एकता नहीं की गई। केवल सरपंचों ने अपने लेवल पर पत्र दिया है। अगर यह बात सही साबित हो जाती है, तो सरपंचों के खिलाफ पंचायती राज एक्ट के तहत जो भी कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी और पुलिस द्वारा भी इसमें कार्यवाही अमल में लाई जाएगी ।