possibility of amendment in the draft of Dead Body Respect Bill

Haryana में मृत शरीर सम्मान विधेयक के ड्राफ्ट में फिर से संशोधन होने की संभावना, प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने पॉइंट पर जताई आपत्ति

पंचकुला बड़ी ख़बर राजनीति हरियाणा

हरियाणा में मृत शरीर सम्मान विधेयक के ड्राफ्ट में फिर से संशोधन होने की संभावना है। हरियाणा के प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने इस एक्ट के एक पॉइंट पर आपत्ति जताई है, कहते हैं कि शव को बिना बिल चुकाए देने से विवाद हो सकता है। उनका कहना है कि विधेयक में स्पष्टता नहीं है और इसके संबंध में कानूनी मामले भी बढ़ सकते हैं।

वहीं बताया जा रहा है कि निजी अस्पताल संचालकों ने अपनी आपत्ति को मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ सांझा किया है। इसके बाद इस मुद्दे पर विवाद पैदा हो गया है और मंत्री अनिल विज ने मंथन शुरू करवाया है। संभावना है कि विधेयक का नया संस्करण 15 दिसंबर को होने वाले शीतकालीन सत्र में पेश नहीं किया जा सके। सूत्रों के अनुसार निजी अस्पताल संचालकों ने विधायकों, मंत्रियों के माध्यम से अपनी आपत्ति को सीएम तक पहुंचाया है। इस विधेयक का पहला ड्राफ्ट में शव को सड़क पर रखने और सरकारी संपत्ति को फूंकने पर रोक लगाने की योजना है, जो कि संविदानिक मामले में विवाद पैदा कर सकती है। गृहमंत्री ने ड्राफ्ट के संबंध में आशंका जताई है और इसके बारे में मंत्रालय को जांच करने का आदेश दिया है।

मृत शरीर के साथ विरोध प्रदर्शन करने पर होगी 3 साल की कैद

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इस विधेयक में मृत शरीर के साथ विरोध प्रदर्शन करने वालों को एक साल तक की कैद और 50 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। जिसमें सरकार को स्थानीय अथॉरिटीज के द्वारा ऐसे शवों का अंतिम संस्कार करने का अधिकार देने का प्रस्ताव भी है। इस एक्ट का नया संस्करण तैयार करने के लिए अधिकारी स्टडी रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसे विभागीय मंत्री अनिल विज को सौंपा जाएगा। उसके बाद ही यह विधेयक पेश किया जा सकेगा।

मृत शरीर का दाह संस्कार करने से इंकार नहीं कर सकेगा परिवार

राजस्थान में इस प्रकार का विधेयक पहले ही पास हो चुका है, जिसमें शवों के साथ विरोध प्रदर्शन करने वालों को जुर्माने के साथ पांच साल तक की कैद की सजा देने का प्रावधान है। यह परिवार को शीघ्र दाह संस्कार करने के लिए जबरदस्ती करता है। यदि परिवार मृत शरीर का दाह संस्कार करने से इंकार करता है, तो पब्लिक अथॉरिटी अंतिम संस्कार कर सकते हैं।गृहमंत्री ने पहले ही इस विधेयक में दो बिंदुओं पर चिंता जताई है और इसके संबंध में गृह विभाग से जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रदर्शनकारियों पर ऐसी कार्रवाई का क्या प्रभाव पड़ेगा, ये भी जांचना आवश्यक है।