- प्रिंसिपल जगबीर पानू की हत्या के विरोध में हरियाणा के अधिकांश प्राइवेट स्कूल आज बंद रहे।
- प्राइवेट स्कूल संघ ने उन्हें शहीद का दर्जा और परिवार को 1 करोड़ मुआवजा देने की मांग की।
- शिक्षकों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठी।

हरियाणा के नारनौंद में प्रिंसिपल जगबीर पानू की निर्मम हत्या के विरोध में आज प्रदेशभर के अधिकांश प्राइवेट स्कूल बंद रहे। यह बंद प्राइवेट स्कूल संघ की ओर से दी गई कॉल पर किया गया, जिसमें CBSE और HBSE दोनों तरह के स्कूलों ने हिस्सा लिया। हालांकि, कुछ जिलों जैसे सोनीपत और रोहतक में स्कूल खुले रहे, जबकि पंचकूला में परीक्षा होने के कारण 90 प्रतिशत स्कूलों ने छुट्टी नहीं की।

प्राइवेट स्कूल संघ ने इस हत्याकांड की कड़ी निंदा करते हुए मांग की कि प्रिंसिपल जगबीर पानू को शहीद का दर्जा दिया जाए और उनके परिजनों को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। इसके अलावा, संघ ने प्रशासन से शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कानून बनाने की अपील की है। संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
यह घटना 10 जुलाई को हुई थी, जब नारनौंद के एक सरकारी स्कूल में चार छात्रों ने मिलकर प्रिंसिपल जगबीर पानू पर चाकू से हमला किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, पानू ने छात्रों को पढ़ाई और अनुशासन को लेकर टोका था, जिसमें बालों के स्टाइल पर टिप्पणी भी शामिल थी। इसी बात को लेकर छात्रों ने गुस्से में आकर हमला कर दिया, जिससे उनका लिवर फट गया और उनकी मौत हो गई। पुलिस ने सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
यह घटना न सिर्फ शिक्षा जगत बल्कि पूरे समाज के लिए एक चिंताजनक संदेश लेकर आई है। शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर अब बहस तेज हो गई है और यह मांग ज़ोर पकड़ रही है कि स्कूलों को भी संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए।