LIVE : पंजाब के 101 किसानों का शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए पैदल मार्च दोपहर 12 बजे शुरू हुआ, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस और किसानों के बीच बहस चल रही है क्योंकि अधिकारियों ने कहा कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते। इस बीच, किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि उन्होंने 101 किसानों की सूची जारी की है, लेकिन हरियाणा पुलिस का कहना है कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है और कई किसानों के पास हथियार भी हैं। पुलिस ने मीडिया को दूर से कवरेज करने की सलाह दी है। इससे पहले, 6 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे जिससे 8 किसान घायल हो गए थे।
हरियाणा पुलिस ने किसानों को वेरिफाई करने का आग्रह किया और लंगर के लिए कहा कि वे आराम करें, लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुए। किसान नेताओं का दावा है कि उनकी सूची सही है और वे असली किसान हैं। शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस की वजह से भगदड़ मच गई थी, और हवा अंबाला से पंजाब की तरफ बह रही थी जिससे पंडाल की तरफ गैस फैल रही थी। एंबुलेंस और वालंटियर अलर्ट पर हैं।
सुरक्षा और तैयारी
इस बीच, हरियाणा और पंजाब पुलिस ने दिल्ली कूच के दौरान मीडिया को दूर से कवरेज करने की सलाह दी है। इससे पहले 6 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 8 किसान घायल हो गए। इसके बाद पंधेर ने किसानों को वापस बुला लिया।
हरियाणा पुलिस की तैयारी
हरियाणा पुलिस किसानों को रोकने के लिए पुल के ऊपर और नीचे करीब 1000 जवान तैनात किए हैं। 3 वज्र वाहन खड़े किए। आंसू गैस के गोलों के डिब्बे भी रखे हैं।
किसानों की तैयारी
घायलों को ले जाने के लिए 10 एम्बुलेंस के अलावा 7 गाड़ियां तैनात की हैं। आंसू गैस के गोलों से निपटने के लिए 500 मीटर के दायरे में पानी के टैंकरों और बोरियों का इंतजाम किया है। किसानों को चश्मे और मास्क के साथ नमक भी दिया है। दरअसल, आंसू गैस छोड़ी गई तो सांस लेने में दिक्कत होगी। नमक चाटने से राहत मिलती है। शंभू बॉर्डर से किसानों का पैदल मार्च शुरू हो गया है। पंडाल से निकालकर वह हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग की तरफ बढ़ने लगे हैं।
हरियाणा पुलिस ने पिछली बार कहा था कि जत्थे में 100 से ज्यादा लोग थे, इसके बाद आज पंजाब पुलिस की तरफ से पंडाल में पहुंचकर जत्थे में जा रहे लोगों की गिनती की गई है। इसके साथ ही उनकी वीडियोग्राफी भी की गई। इस दौरान बाकी किसानों को पंडाल से बाहर निकाल दिया गया।
पटियाला के SSP नानक सिंह ने मीडिया के लिए आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर को किसानों ने दिल्ली की ओर कूच किया था। बार-बार मीडिया से अनुरोध किया गया था कि बॉर्डर से दूरी बनाकर कवरेज करें। ताकि उन्हें चोट ना लगे, लेकिन इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया। इसलिए दोबारा से अनुरोध है कि मीडिया सुरक्षित दूरी बनाकर कवरेज करे।
शंभू बॉर्डर से रवाना होने वाले 101 किसानों को पंडाल में बैठाया गया है। जत्थे में शामिल हर किसान के पास यूनियन का झंडा और कपड़े आदि रहेंगे। पंजाब की तरह घायलों को ले जाने के लिए एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जा रही है। अब तक 3 एंबुलेंस तैनात कर दी हैं। 6 दिसंबर को एक ही एबुलेंस तैनात की थी। इसके अलावा किसानों ने अपनी गाड़ियां भी खड़ी की हैं।
शंभू बॉर्डर पर किसानों ने मंच से पीछे रस्सी लगा दी है। इसके आगे जाने की अनुमति दिल्ली रवाना होने वाले 101 किसानों और मीडिया को है। यहीं बैठकर किसान सतनाम वाहेगुरु का जाप कर रहे हैं। 6 दिसंबर को दिल्ली मार्च के दौरान किसानों ने हरियाणा पुलिस की तरफ से लगाए गए बैरिकेड के साथ कंटीले तार उखाड़ दिए थे। इसके बाद वह इन्हें पंजाब की तरफ लगाए गए मंच के पास ले आए थे।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आमरण अनशन को 13 दिन हो गए हैं। हमारा कार्यक्रम शांतिपूर्ण चल रहा है। सरकार हमें न दिल्ली जाने दे रही है और न ही हमारी समस्याओं का हल कर रही है। भगवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सद्बुद्धि दें और हमारे मसलों को हल करें।
सरकार को ऐसा लगता है कि हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाकर सफल हो जाएंगे। सरकार को टकराव की नीति छोड़कर मसलों को हल करना चाहिए। हमारा 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी के पानीपत के कार्यक्रम का विरोध करने का कोई प्रोग्राम नहीं है।