भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को राज्यसभा का उम्मीदवार चुना गया है। जिसको लेकर फतेहाबाद में भी खुशी का माहौल है। समर्थकों ने पार्टी आलाकमान के निर्णय का स्वागत किया है। कहा जा रहा है कि आलाकमान ने बराला को पार्टी के प्रति वफादारी का इनाम दिया है। बता दें कि सुभाष बराला ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की। जिसके बाद वह भूना शुगर मिल के चेयरमैन भी बने थे।
माना जा रहा है कि बराला को राज्यसभा का टिकट दिलवाने में मुख्यमंत्री मनोहर की वकालत रंग ले ही आई है। वह उनके लिए खुद पैरवी कर रहे थे। मनोहर लाल ने लिस्ट में नाम शामिल होने पर सुभाष बराला को बधाई दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि हरियाणा भाजपा के समर्पित एवं कर्मठ सिपाही और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला का नाम राज्यसभा प्रत्याशी के लिए मनोनीत किए जाने पर बधाई। वह केंद्रीय नेतृत्व के इस निर्णय पर धन्यवाद करते हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा की राज्यसभा सीट के लिए भाजपा ने नए चेहरे का ऐलान कर दिया है। इस बार हरियाणा से पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के नाम पर मोहर लगाई गई है। बता दें कि हाल ही में दिल्ली में 2 दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बैठक के बाद इसकी एनओसी मिली थी।
वहीं प्रदेश की राज्यसभा सीट को लेकर काफी समय से चर्चाओं का बाजार गर्म था। सुभाष बराला के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ का नाम भी काफी चर्चा में था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने नजदीकी सुभाष बराला की पैरवी कर रहे थे, जबकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ को राज्यसभा भेजने के पक्ष में थे।
वर्ष 2019 में कैबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली ने 52000 वोटों से दी थी शिकस्त
गौरतलब है कि रामबिलास शर्मा के प्रदेश अध्यक्ष रहते सुभाष बराला ने प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी निभाई। वहीं सुभाष बराला ने वर्ष 2009, 2014 व 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ा था। सुभाष बराला वर्ष 2014 में टोहाना से जीतने के बाद पहली बार विधायक बने। इसके बाद पार्टी द्वारा बराला को हरियाणा भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया। हालांकि वर्ष 2019 में सुभाष बराला को मनोहर सरकार में कैबिनेट मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने करीब 52000 वोटों से हराया था।
संघ और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में मजबूत पकड़ का फायदा
हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी होने, संघ और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में मजबूत पकड़ के चलते सुभाष बराला को हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो का अध्यक्ष बनाया। करीब 3 महीने पहले उन्हें हरियाणा किसान प्राधिकरण बोर्ड का भी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सुभाष बराला मुख्यमंत्री मनोहर लाल व प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी के करीब भी माने जाते हैं। माना जा रहा है कि इसी का फायदा उन्हें मिला है। पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए राज्यसभा को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले बराला ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में अहम जिम्मेदारी निभाई थी। बराला वर्तमान में हिसार लोकसभा के प्रभारी के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों पर 27 फरवरी को होगा मतदान
बता दें कि देश के 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों पर चुनाव करवाया जाना है। इन सभी सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होगा। 13 राज्यों के 50 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है, जबकि दो राज्यों के शेष 6 सदस्य 3 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जिन 15 राज्यों में राज्यसभा चुनाव होने हैं, उनमें हरियाणा के साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।