International Geeta Jayanti Mahotsav

कुरुक्षेत्र : उप राष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar पहुंचे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव, CM बोलें KUK में बन सकता है अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा के रीजनल सेंटर

कुरुक्षेत्र धर्म बड़ी ख़बर हरियाणा

देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि शंका नहीं है कि मौजूदा समय में गीता सूर्य की रोशनी का कार्य करेगी और सभी का सही दिशा में मार्गदर्शन करेगी। यदि गीता के सार को नहीं मानेंगे और मोह में पड़ जाएंगे या एक-दूसरे के हित में पड़ जाएंगे तो हम मार्ग से भटक जाएंगे। जब-जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मुझे बुलाया, मैं हर बार और अधिक उर्जापूर्ण होकर जाता हूं। मुझे यह कहने में बिल्कुल संकोच नहीं है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जो पहचान है, वह इसलिए है, क्योंकि वह गीता के अनुयायी है।

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र स्थित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में वसुधैव कुटुंबकम श्रीमद्भागवत गीता और वैश्विक एकता विषय पर तीन दिवसीय 8वें अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती सेमिनार का उद्घाटन करने पहुंचे। इस दौरान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि गीता एक अद्भुत ग्रंथ है। हर समस्या का हल देती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में श्रीमद्भागवत गीता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हजारों साल बाद भी गीता उपदेश प्रासंगिक है। गीत ज्ञान के राह व सत्य के मार्ग पर चलना सिखाती है।

जगदीप 1 1

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह लगातार 8वां वर्ष है, जब कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजित हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री भगवान श्रीराम के आचरण पर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और कुशल मार्गदर्शन में हमने कोरोना जैसे महामारी पर भी विजय पाई। रूस-यूक्रेन युद्ध के वक़्त भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवाद से समाधान का विकल्प बताया।

जगदीप 3

मनोहर लाल ने कहा कि गीता का संदेश कई हजार साल पहले दिया गया, वह आज भी उतना ही सार्थक है। विश्व को सुखी कैसे रखा जाए, यह संदेश गीता में निहित है। उन्होंने कहा कि आज करीब एक दर्जन से अधिक देशों से हमें गीता महोत्सव का आने का निमंत्रण मिला है।

सीमए

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हैदराबाद के एक विश्वविद्यालय ने अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा के रीजनल सेंटर बनाने की बात कही है। जिसके लिए हमने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्रस्ताव दिया।

ज्ञानानंद

इस दौरान गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि कुरुक्षेत्र धर्म धरा महाभारत के तौर पर जानी जाती है। यहां युद्ध यानि अशांति के वातावरण में भी शांति सद्भाव का उद्घोष हुआ। उन्होंने कहा कि तनाव, दबाव और अशांति बढ़ रही है, युद्ध की विभीशिकाएं चुनौती प्रस्तुत कर रही हैं, लेकिन इन सब का समाधान श्रीमद्भागवत गीता में निहित है।

जगदीप 2 1

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *