भाजपा ने हरियाणा में 20 दिसंबर को होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन Rekha Sharma को उम्मीदवार घोषित किया है। आज, 10 दिसंबर को, रेखा शर्मा अपने नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली भी उपस्थित रहेंगे।
इसराना से भाजपा विधायक कृष्णलाल पंवार के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट के लिए पार्टी ने ब्राह्मण चेहरा रेखा शर्मा को उतारा है, जबकि सीट दलित कोटे से खाली थी। रेखा शर्मा हरियाणा के पंचकूला जिले से हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी हैं। उनका दिल्ली में काम करने का अनुभव भी उन्हें लाभ पहुंचाता है, और उनकी राज्यसभा जाने की संभावना हरियाणा की सियासत में हलचल मचा रही है।
भाजपा की रणनीति के तहत रेखा शर्मा को समर्थन प्राप्त है, और पार्टी को हरियाणा विधानसभा में 48 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे उनका राज्यसभा चुनाव जीतना तय माना जा रहा है। कांग्रेस ने राज्यसभा उपचुनाव में उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है, जिससे भाजपा को यह सीट आसानी से मिल सकती है।
रेखा शर्मा का नाम इन 3 वजहों से फाइनल हुआ…
- पीएम मोदी की करीबी होने का फायदा मिला
रेखा शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी करीबी हैं। जब मोदी हरियाणा के संगठन मंत्री थे, तब रेखा पंचकूला में भाजपा ऑफिस संभालती थीं। इसके अलावा वह सामाजिक कार्यों में भी काफी एक्टिव रहीं। - दिल्ली में काम करने का अच्छा अनुभव
जितने भी नेता इस राज्यसभा सीट पर दावा ठोक रहे थे, उनमें दिल्ली का अनुभव रेखा के मुकाबले कम था। रेखा दिल्ली में 2015 से एक्टिव हैं। नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने रेखा शर्मा को राष्ट्रीय महिला आयोग में बतौर सदस्य के रूप में जिम्मेदारी भी सौंपी थी। इसके बाद वह अध्यक्ष भी बनीं। उनका कार्यकाल लगभग 9 साल का रहा। - नया चेहरा होना भी उनके फेवर में रहा
तीसरा फैक्टर उनके फेवर में यह रहा कि वह हरियाणा की एक्टिव पॉलिटिक्स में नए चेहरे के रूप में उभरी हैं। हालांकि अभी तक वह दिल्ली में ही एक्टिव रहकर काम कर रही थीं, लेकिन अब हरियाणा में वह बड़ी पहचान लेकर राजनीति में सक्रिय रहेंगी। - उनके नाम के ऐलान को लेकर हरियाणा की सियासत में काफी हलचल है, क्योंकि किसी को भी उनके राज्यसभा में जाने की उम्मीद नहीं थी। साल 1964 में जन्मी रेखा शर्मा ने उत्तराखंड से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री लेने के बाद मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग में डिप्लोमा किया। हालांकि, इसके बाद उनका करियर सीधे राजनीति को ओर बढ़ निकला। हरियाणा में पंचकूला भाजपा की जिला सेक्रेटरी थीं। साथ ही साथ मीडिया विभाग भी संभाला करती थीं। इसमें उनकी एडवरटाइजिंग की पढ़ाई काफी काम आई।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वर्ष 2015 में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का चेयरपर्सन लगाया गया था। जिसके बाद 2018 में उनका कार्यकाल दोबारा बढ़ा दिया गया था। रेखा शर्मा लगभग 9 वर्ष तक राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रही हैं।
इसलिए रेखा शर्मा का राज्यसभा जाना तय
हरियाणा में राज्यसभा के लिए एक सीट पर होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत तय है। 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 48 है। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं। हालांकि, यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में विपक्ष के विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
लेकिन इसके बावजूद भी रेखा शर्मा को राज्यसभा भेजने में भारतीय जनता पार्टी को कोई दिक्कत नहीं आएगी। 48 विधायकों के बल पर भाजपा आसानी से अपने प्रत्याशी को वर्ष 2028 तक के लिए राज्यसभा भेज सकती है। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक भी भाजपा के साथ हैं, जबकि दो इनेलो विधायकों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
कांग्रेस नहीं उतारेगी उम्मीदवार
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह चुके हैं कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी। कांग्रेस के पास नंबर नहीं हैं। ऐसे में अगर आज रेखा शर्मा के अलावा कोई अन्य नामांकन नहीं करता है तो 20 दिसंबर को वोटिंग नहीं होगी और रेखा को विजयी घोषित कर दिया जाएगा।