अब इसे सरकार की नाकामी कहें या फिर प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही, छोटे-छोटे कामों के लिए जनप्रतिनिधियों को डीसी के दरबार में जाकर फरियाद लगानी पड़ रही है। मगर बावजूद इसके उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। इसी के चलते आज नारनौल रोड स्थित अनेक गांव के ग्राम सरपंच और सरपंच प्रतिनिधि अपने गांव से संबंधित समस्याओं की फरियाद लेकर जिला सचिवालय पहुंचे, जहां उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
इन सरपंचों ने बताया कि दिन के समय शहर में नो एंट्री व आरटीओ के चालान से बचने तथा टोल टैक्स बचाने के चक्कर में नारनौल रोड से गुजरने वाले भारी वाहन कनुका गांव के रास्ते उनके गांव के बीचो बीच से होकर गुजर रहे हैं। दिनभर सरपट दौड़ने वाले इन भारी वाहनों के कारण न केवल सड़कें बुरी तरह जर्जर हो चली है, बल्कि दिनभर सड़कों से उड़ती धूल के कारण आसपास के दुकानदारों व घरों में रह रहे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है।
सड़क किनारे खड़ी फसलों को भी हो रहा नुकसान
इतना ही नहीं इन वाहनों के कारण सड़कों से रोटियां छिटक कर वाहनों के शीशे तक तोड़ रही हैं। वहीं सड़क किनारे खड़ी फसलों को भी नुकसान हो रहा है। ऐसे में इन सड़कों से गुजरने वाले दुपहिया वाहन चालकों व पैदल राहगीरों का निकलना भी अब मुश्किल हो गया है।
वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने की मांग रखी
वही ग्राम डालिया की के सरपंच प्रतिनिधि सुरेंद्र कुमार ने बताया कि डालिया से ठोठवाल को जाने वाली सड़क पूरी तरह जर्जर हाल हो गई है। जिससे न केवल आवागमन प्रभावित हो रहा है, बल्कि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए दूसरे रास्तों से सफर करना पड़ रहा है।
सचिवालय में अपनी फरियाद लेकर खड़े इन जनप्रतिनिधियों ने शासन और प्रशासन से जर्जर हाल सड़कों का जल्द निर्माण कराने तथा गांव से भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अब देखना होगा प्रशासन इनकी समस्याओं को कब तक दूर कर पाता है।