➤रोहतक की युवती को दिल्ली के मुस्तफाबाद से धर्मांतरण गिरोह के चंगुल से छुड़ाया गया।
➤आरोपी ने झांसा देकर युवती को भगाया और धर्म बदलवाने का दबाव डाला।
➤BJP नेता और हिंदू संगठनों ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताकर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
रोहतक/दिल्ली: हरियाणा की एक युवती को दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके से यूपी पुलिस द्वारा धर्मांतरण के प्रयास से बचाया गया है। आरोपी युवक ने अपना नाम बदलकर युवती को बहलाया और अपने साथ भगाकर ले गया। वह न केवल धोखे से रिश्ते में लाया गया था, बल्कि बाद में धर्म परिवर्तन का दबाव भी डाला जा रहा था। इस मामले ने फिर एक बार देश में ‘लव जिहाद’ और धार्मिक कट्टरता पर राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है।
पीड़िता नवंबर 2024 में रोहतक से गायब हुई थी। शुरू में इसे लापता का सामान्य मामला माना गया, लेकिन अब पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी ने योजनाबद्ध ढंग से युवती को झांसे में लेकर बड़ी साजिश रची थी। आरोपी की पहचान अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल जादौन के रूप में हुई है, जिसने 1990 में अपना धर्म बदला था। इसके बाद वह कुख्यात कलीम सिद्दीकी के संपर्क में आया था, जो यूपी एटीएस द्वारा पकड़े गए एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का मुख्य सरगना था।
BJP और हिंदू संगठनों की कड़ी प्रतिक्रिया
मामला सामने आने के बाद BJP नेताओं और हिंदू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं बल्कि धार्मिक पहचान को निशाना बनाने वाली साजिश है। रोहतक के BJP विधायक ने इसे “युवतियों को फंसाकर धर्मांतरण की गहरी साजिश” बताया और राष्ट्रीय महिला आयोग से स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है।
क्या यह ‘लव जिहाद’ का मामला है?
हालांकि पुलिस ने अभी तक आधिकारिक रूप से ‘लव जिहाद’ शब्द का प्रयोग नहीं किया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे उसी संदर्भ में देखा जा रहा है। भाजपा की IT सेल और विहिप जैसे संगठनों ने सोशल मीडिया पर इसे “संगठित लव जिहाद की साजिश” बताते हुए केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस जांच में गहराई से खुलासे की उम्मीद
एएसपी वाईवीआर शशि शेखर ने पुष्टि की है कि मामला उनके संज्ञान में लाया गया है और जांच की जाएगी। यूपी पुलिस ने दिल्ली से आरोपी को पकड़ा, जबकि युवती को बरामद कर रोहतक पुलिस को सूचना दी गई है। पुलिस अब आरोपी के नेटवर्क, संपर्कों और पीड़िता से की गई बातचीत की डिजिटल फोरेंसिक जांच कर सकती है।
इस घटना ने न केवल एक बार फिर धर्मांतरण कानून की आवश्यकता को रेखांकित किया है, बल्कि BJP को भी इस मुद्दे पर राजनीतिक नैरेटिव बनाने का अवसर दिया है। इस घटनाक्रम से भविष्य में धार्मिक पहचान और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सख्त नीति और कानून की मांग को बल मिल सकता है।