Rohtak समाज में बदलाव और मर्यादा को संरक्षित करने का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए हरियाणा के रोहतक जिले की चार गांवों की पंचायतों ने मिलकर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। करौर, कल्हावड़, गांधरा और अटायल गांवों की पंचायतों ने सर्वसम्मति से शादी समारोह में बजने वाले डीजे और सार्वजनिक स्थानों पर शराब परोसने पर रोक लगा दी है। इस कदम को सामाजिक मयार्दाओं और ग्रामीण संस्कृति को पुनर्जीवित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
नशा मुक्त समाज की पहल
रविवार को करौर गांव की बड़ी चौपाल में मलिक चौगामे की पंचायत आयोजित की गई। इस बैठक में अटायल के पूर्व सरपंच रामफल मलिक लीलू की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया। पंचायत में यह तय हुआ कि गांव में सार्वजनिक स्थानों पर नशा करने या पार्टी करने पर सख्त सामाजिक दंड दिया जाएगा। नशे की लत से समाज को बचाने के इस कदम की ग्रामीणों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की।
अश्लील गानों और डीजे पर रोक
पंचायत में करौर के सरपंच महिपाल मलिक ने विवाह समारोहों और ट्रैक्टरों पर अश्लील गाने बजाने पर भी रोक लगाने की मांग की। उन्होंने बताया कि यह मांग बुजुर्गों और महिलाओं की आपत्ति के चलते उठाई गई। चारों गांवों के प्रतिनिधियों ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अश्लील गानों को रोकने और मर्यादा बनाए रखने का संकल्प लिया।
सामाजिक जागरूकता का संदेश
मलिक खाप प्रवक्ता कैप्टन जगबीर मलिक ने कहा कि इन फैसलों के बारे में जल्द ही गांवों में मुनादी करवाई जाएगी। यह निर्णय समाज में न केवल मर्यादा का पालन सुनिश्चित करेगा, बल्कि युवाओं को सही दिशा में प्रेरित करेगा। चारों गांवों की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि आधुनिकता के साथ ग्रामीण संस्कृति को जीवित रखा जा सकता है।