Kumari Selja's statement in Karnal: Congress will unite and win the municipal elections

Sirsa और रानियां में भूमिगत जल पीने योग्य नहीं: कुमारी सैलजा का सरकार पर निशाना

सिरसा

हरियाणा के Sirsa जिले और रानियां हलका के अधिकतर हिस्सों में भूमिगत जल पीने योग्य नहीं है। इस गंभीर जल संकट को लेकर सिरसा की सांसद और कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने हरियाणा सरकार को घेरा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि इस क्षेत्र के पानी में फ्लोराइड, टीडीएस, हार्डनेस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व तय सीमा से कई गुना अधिक हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बनाते हैं।

नहरी जल आपूर्ति की मांग पर सरकार का गोलमोल जवाब

सांसद सैलजा ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर रानियां और आसपास के गांवों में नहरी जल आपूर्ति की मांग की थी। सरकार के जवाब में यह स्वीकार किया गया कि नहरी पानी की सप्लाई फिलहाल रानियां क्षेत्र में कहीं भी नहीं है, जबकि भूमिगत जल में भारी प्रदूषण है।

उन्होंने कहा, “जब सरकार जानती है कि भूमिगत जल जहरीला है, तो नहरी जल आपूर्ति अब तक शुरू क्यों नहीं की गई? यह जनता के स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ है।”

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विभागीय रिपोर्ट में कई इलाकों के जल को बताया गया असुरक्षित

जल विभाग द्वारा कराई गई जांच में जिन इलाकों के पानी को पीने लायक नहीं बताया गया है, उनमें शामिल हैं:

  • बालासर रोड, रानियां
  • बाजीगर थेहड़, ढाणी लहरावाली
  • फिरोजाबाद रोड, गोबिंदपुरा, हिम्मतपुरा
  • कोठासेन पाल, मेहणाखेड़ा, चक्का
  • नगराना थेहड़, नकौड़ा, संत नगर, जज कॉलोनी आदि।

इन क्षेत्रों के नमूनों में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 mg/L से ऊपर, जबकि TDS (Total Dissolved Solids) की मात्रा 1000 से 2000 mg/L तक पाई गई, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तय मानकों से कहीं अधिक है।

स्वास्थ्य पर गंभीर असर: कैंसर और अन्य बीमारियों की चपेट में लोग

कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि दूषित पानी पीने से क्षेत्र में कैंसर, पीलिया, दिमागी कमजोरी, उच्च रक्तचाप, पथरी और पेट संबंधी रोगों के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने दावा किया कि “संत नगर में एक ही घर के तीन सदस्य कैंसर से पीड़ित हैं।

29 गांवों में काम शुरू, लेकिन रफ्तार धीमी

सरकार का कहना है कि पेयजल आपूर्ति सुधार के लिए 29 गांवों में कार्य प्रगति पर है, पर सैलजा ने इसे अति धीमी गति से चलने वाला बताया।
सिरसा शहर में अब भी 120 बोरवेल के माध्यम से जल आपूर्ति हो रही है, जिससे स्थिति में कोई ठोस सुधार नहीं आया है।

विशेषज्ञों की राय:
जल विशेषज्ञों के अनुसार, “फ्लोराइड और हार्ड मेटल्स से युक्त पानी का लंबे समय तक सेवन हड्डियों की कमजोरी, थायरॉइड, मानसिक अवसाद और गुर्दा रोगों का कारण बन सकता है।”

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