हरियाणा के सहकारिता विभाग में हुए 100 करोड़ के घोटाले के मामले में गंभीर आरोप लगे हैं। जिसमें आरोपितों में जनसंपर्ककर्ता से लेकर उच्च अधिकारी तक कई व्यक्तियों की शामिलता है। हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने मामले में 11 एफआईआर दर्ज की हैं और जिसमें सहकारी समितियों के खातों से करोड़ों रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है।
बता दें कि घोटाले में रेवाड़ी की महाप्रबंधक (अब सहायक रजिस्ट्रार) अनु कौशिश को मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जिन्होंने सहकारी समितियों के खातों से करोड़ों रुपए निकाले और फर्जी पेमेंट में शामिल होकर परिवार के नाम पर रिश्वत ली। उन्होंने अपने नाम पर सवा करोड़ की जमीन खरीदी और चपरासी को भी लाखों रुपए का फायदा पहुंचाया। मामले में एसीबी ने कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से कुछ प्राइवेट लोग भी शामिल हैं। यह घोटाला केंद्र और राज्य द्वारा भेजे गए सरकारी पैसे से बैंकों में एफडी करने और अधिकारियों को ब्याज में हड़प में भी शामिल है। एसीबी की एफआईआर में मुख्य आरोपी के रूप में सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियों अनु कौशिश और स्टालिन जीत बैनब्रिज नामांकित हैं। इन आरोपियों ने सहकारी समितियों के खातों से धन निकालकर अपने लाभ के लिए इसका दुरुपयोग किया।

सरकारी पैसे की एफडी कर हड़पा ब्याज
सरकारी पैसे से अनु कौशिश ने बैंकों में एफडी कराया और उसके ब्याज में हड़प की गई है। उन्होंने खुद को मास्टरमाइंड बनाया है और घोटाले के माध्यम से रिश्वत लेकर जमीन खरीदी है। स्टालिन जीत बैनब्रिज ने अपनी कंपनियों के नाम पर भी घोटाला किया है और उन्होंने फर्जी बिलों के माध्यम से रिश्वत ली है। घोटाले में बाकी आरोपियों के नाम भी हैं, जो सरकारी पैसों का दुरुपयोग करके अपने लाभ के लिए घोटाला किया हैं। एसीबी ने इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है।

घोटाले से हरियाणा को बड़ा नुकसान
इस घोटाले से सामाजिक और आर्थिक तौर पर हरियाणा को बड़ा नुकसान हुआ है। लोगों का भरोसा उठ गया है और सरकार को इस प्रकार के घोटालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि एसीबी ने सख्ती से इस मामले की जांच की है और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है। सरकार ने भी मामले को गंभीरता से लेकर देखा है और निश्चित किया जा रहा है कि दोषी व्यक्तियों को सख्त से सख्त सजा मिले।

ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार
घोटाले ने साफ कर दिखाया है कि सहकारिता विभाग में कई लोगों ने अपनी लालची हरकतों के कारण सामाजिक और आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाया है। सरकारी पैसों का सही उपयोग करना हम सभी की जिम्मेदारी है और इस प्रकार के घोटालों से बचना हम सभी का कर्तव्य है। सरकार ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेगी। जिसके लिए सख्त कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के घोटालों को रोका जा सके।