➤सोनीपत नगर निगम क्षेत्र में 1.97 लाख प्रॉपर्टी में से सिर्फ 21 हजार ने ही टैक्स जमा कराया।
➤150 बड़े डिफाल्टरों को नोटिस भेजे गए, 1 सप्ताह की मोहलत; न भरने पर प्रॉपर्टी सील की जाएगी।
➤2 लाख से अधिक टैक्स बकायेदारों पर सीधा ऐक्शन, कमिश्नर ने दिए सख्त निर्देश।
सोनीपत नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स वसूली को लेकर अब सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। निगम क्षेत्र में कुल 1,97,930 प्रॉपर्टी आईडी हैं, लेकिन 1 अप्रैल से 20 जुलाई 2025 तक केवल 21,261 लोगों ने ही टैक्स जमा करवाया है। शेष 1,75,739 प्रॉपर्टी मालिक डिफाल्टर हैं और नगर निगम के ऊपर करोड़ों की टैक्स वसूली का दबाव है।
अब नगर निगम ने पहले चरण में 150 ऐसे डिफाल्टरों को नोटिस भेजे हैं, जिन पर 2 लाख रुपये से अधिक टैक्स बकाया है। इन्हें 1 सप्ताह की मोहलत दी गई है। यदि निर्धारित अवधि में टैक्स जमा नहीं कराया गया तो उनकी संपत्तियों को सील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
फायर टैक्स वसूली में भी नगर निगम ने कार्रवाई की है, जिसमें कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी मालिकों से 33.87 लाख रुपये की वसूली की गई है। यह टैक्स उन संपत्तियों से वसूला गया जो व्यवसायिक व औद्योगिक श्रेणी में आती हैं।
कुछ प्रमुख डिफाल्टरों की सूची में ये नाम शामिल हैं:
- नेतराम बाबा कॉलोनी – ₹9.50 लाख
- रिलायंस कॉर्पोरेट आईटी पार्क, आदर्श नगर – ₹17.47 लाख
- वासुदेव सुंदर सांवरी – ₹9.78 लाख
- कमलजीत इंडस्ट्री एरिया – ₹5.56 लाख
- रेखा, गोविंद नगर – ₹2.97 लाख
- बलवीर, मोहन नगर – ₹6 लाख
नगर निगम कमिश्नर हर्षित कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन डिफाल्टरों ने बार-बार चेतावनी के बावजूद टैक्स नहीं चुकाया है, उनके खिलाफ सीधी सीलिंग और कानूनी कार्रवाई की जाए। ज़ोनल टैक्स ऑफिसर राजेंद्र चुघ के अनुसार, पहले नोटिस भेजे जा रहे हैं और चेतावनी दी जा रही है, लेकिन अंतिम निर्णय के तौर पर संपत्ति सील करना तय है।
इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल बकाया टैक्स की वसूली करना है, बल्कि निगम की वित्तीय सुदृढ़ता और प्रशासनिक जवाबदेही को भी बनाए रखना है।