एशियन गेम्स में हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव कथूरा निवासी मनीष नरवाल और शिवा नरवाल ने शानदार प्रदर्शन कर देश को गोल्ड मेडल दिलाया है। दोनों भाई पिछले तीन साल से रोहतक के गन्स एंड गट्स शूटिंग एकेडमी में अभ्यास कर रहे है। दोनों भाईयों के जीतने से परिवार और गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिव ने बताया कि वह अपनी सफलता का श्रेय अपने मां-बाप को देना चाहते हैं जिन्होंने हर समय उन्हें खेल में अच्छे मुकाम पर पहुंचने के लिए प्रेरित किया है। मनीष और शिवा का मेडल जीतकर लौटने पर रोहतक की देव कॉलोनी स्थित गन्स एंड गट्स शूटिंग एकेडमी में स्वागत किया गया।
10 मीटर एयर पीस्टल में शिवा ने किया गोल्ड हासिल
एशियन गेम में शूटिंग के 10 मी टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले शिवा ने बताया कि वह गोल्ड मेडल जीतने के बाद काफी खुश है और उसका श्रेय अपने परिजनों को देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी भी खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने हमेशा ही अपने बच्चों को खेल के लिए प्रेरित किया है। साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी खुशी दोगुनी तब हो गई जब उनके भाई ने विश्व पेरा शूटिंग में गोल्ड मेडल हासिल कर ओलंपिक में कोटा हासिल कर लिया। दोनों भाइयों का लक्ष्य आगे होने वाले ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करना है। मनीष पहले भी पैरा ओलंपिक में भाग ले चुका है।
पैरा शूटिंग चैंपियनशिप में मनीष ने तीन मेडल पर मारी बाजी
शूटिंग की पैरा चैंपियनशिप में मनीष ने 3 मेडल (एक गोल्ड, एक सिल्वर व एक कांस्य पदक) जीते है। गोल्ड मेडल जीतने वाले मनीष ने बताया कि वह तीन बहन भाई हैं और तीनों ही शूटिंग के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं तीनों बहन भाइयों को उनके परिजनों ने खेलने के लिए काफी प्रेरित किया उन्होंने बताया कि यह खेल काफी महंगा है। फिर भी उनके परिजनों ने उनके लिए कभी भी किसी बात की कमी नहीं रहने दी। आज उनका परिवार काफी खुश है क्योंकि एक भाई ने शूटिंग की पेरा चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है और दूसरे ने एशियाई गेम के टीम इवेंट में 10 मी शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता है। अब मनीष एशियाई चैंपियनशिप की तैयारी कर रहा है।
फैक्ट्री चलाते हैं पिता
शिवा नरवाल ने बताया कि शूटिंग बहुत खर्चीला खेल है। शुरू में काफी मुश्किल रहा। पहले पिता ने बड़े भाई मनीष को राइफल दिलवाई जो 2 लाख से ज्यादा की आती है। उसके बाद शिवा और बहन शिखा नरवाल के लिए राइफल दिलवानी पड़ी। इसके बाद एकेडमी का खर्च उठाया। इनके पिता दिलबाग सिंह नरवाल अभी फरीदाबाद में एक फैक्ट्री चला रहे है।
अभ्यास के साथ योगा भी करते हैं
शिवा नरवाल ने बताया कि वह 12वीं कक्षा का छात्र है। साथ ही उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे प्रतिदिन अभ्यास के साथ-साथ योग भी करते हैं ताकि उनका ध्यान केंद्रित रहे। उन्होंने कहा कि कभी भी मेडल के पीछे नहीं भागना चाहिए। अपना खेल अच्छा करना चाहिए। इसलिए वे अपने खेल पर फोकस करते हैं।