Faridabad 38वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में सांस्कृतिक संध्या संगीत प्रेमियों के लिए यादगार बन गई। बड़ी चौपाल पर सुप्रसिद्ध वायलिन वादक सुनीता भुयान और लोक गायिका रिंकू कालिया ने अपनी सुरीली प्रस्तुतियों से समां बांध दिया।

सुनीता भुयान ने वायलिन पर इंडो-जैज़ फ्यूजन और विश्व लोक शैलियों की प्रस्तुति दी, जिससे पूरा मेला परिसर संगीत के रंग में रंग गया। खासतौर पर उनकी ‘गंगा सिलोनी’ प्रस्तुति, जिसे उन्होंने देश की विभिन्न भाषाओं में गाया, दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गई। साथ ही, अष्ट लक्ष्मी प्रस्तुति के जरिए उन्होंने पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक झलक भी प्रस्तुत की।

इससे पहले, लोक गायिका रिंकू कालिया ने अपनी जादुई आवाज़ में ‘अजीब दास्तां है ये’, ‘चार दिनां दा साथ हो रब्बा’, ‘मैं आवांगी हवा बन के’ जैसे गीतों से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी ग़ज़लों और भक्ति गीतों ने पूरे माहौल को भक्तिमय और संगीतमय बना दिया।

हर शाम की तरह, मंगलवार को भी सूरजकुंड मेला सांस्कृतिक विविधता का सजीव उदाहरण बना, जहां देश-विदेश से आए कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों का भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं।