फरीदाबाद: हरियाणा सरकार के स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा शिक्षकों को प्रतिदिन पोर्टल पर ऑनलाइन अध्यापक डायरी भरना अनिवार्य करने के फैसले ने प्रदेशभर के शिक्षकों में भारी नाराजगी पैदा कर दी है। इसी के विरोध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, प्राथमिक अध्यापक संघ व हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन फरीदाबाद के बैनर तले सैकड़ों शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान अध्यापक संगठनों ने शिक्षा मंत्री, निदेशक स्कूल माध्यमिक शिक्षा व निदेशक स्कूल मौलिक शिक्षा के नाम ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में शिक्षक संगठनों ने मांग की कि उन्हें शिक्षण जैसे मौलिक कार्य से हटाकर प्रशासनिक दायित्वों में न उलझाया जाए।
“शिक्षक नहीं डाटा एंट्री ऑपरेटर” – मुकेश गर्ग
जिला प्रधान मुकेश गर्ग ने कहा कि यह विभाग का तानाशाही निर्णय है। अध्यापक डायरी को ऑनलाइन भरना एक अतिरिक्त प्रशासनिक बोझ है, जिससे शिक्षक कक्षा में पढ़ाने की बजाय स्क्रीन के सामने डेटा एंट्री ऑपरेटर बनकर रह जाएंगे। पहले से ही शिक्षकों पर शैक्षणिक कार्यों का भारी दबाव है और यह कदम उस दबाव को और बढ़ा रहा है।
स्थानांतरण रुके, स्कूलों में शिक्षक नहीं – योगेन्द्र नागर
जिला सचिव योगेन्द्र नागर ने कहा कि पिछले दो वर्षों से प्राथमिक शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं किए गए हैं। परिणामस्वरूप कई स्कूलों में या तो कोई शिक्षक नहीं है या केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है। इसके बावजूद हरियाणा कौशल रोजगार निगम के शिक्षकों को ‘सरप्लस’ घोषित कर कार्यमुक्त किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
“हमें पढ़ाने दो” – शिक्षकों की सीधी अपील
प्रदर्शन के दौरान शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षा विभाग को प्राथमिकता शिक्षण कार्य को देनी चाहिए, न कि शिक्षकों को प्रशासनिक जिम्मेदारियों में उलझाना चाहिए। उनका सीधा संदेश था कि हमें पढ़ाने दो, फाइलें ढोने को मजबूर न करो।
इस मौके पर हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के जिला प्रधान दान सिंह, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान जगपाल भड़ाना समेत सैकड़ों शिक्षक एकजुट होकर सरकार के इस फैसले के खिलाफ खड़े नजर आए।