Terrorist network busted in Haryana: There was a plan to attack Ram temple on Ram Navami, AK-47 design recovered from terrorist's house

Haryana में आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़: रामनवमी पर राम मंदिर पर हमला करने की थी योजना, आतंकी के घर से AK-47 का डिजाइन बरामद

हरियाणा फरीदाबाद

Haryana के Faridabad से पकड़े गए आतंकी अब्दुल रहमान के घर से पुलिस को हथियारों के मॉडल मिले हैं। इन मॉडल्स को उसने लकड़ी से बनाया था और एक चार्ट पर AK-47 का डिजाइन भी तैयार किया था। इसके बाद पुलिस को संदेह है कि वह घर पर देसी हथियार बनाने की प्रैक्टिस कर रहा था।

रामनवमी पर राम मंदिर पर हमला था उद्देश्य
अब्दुल रहमान ने पुलिस से बताया कि उसे दिल्ली के एक साथी द्वारा हैंड ग्रेनेड दिए गए थे, जिन्हें उसे तीसरे साथी तक पहुंचाना था। फिर, रामनवमी पर अयोध्या स्थित राम मंदिर पर हमला करने की योजना बनाई गई थी। वह झारखंड के आतंकी अबू सूफियान से भी संपर्क में था।

पुलिस पूछताछ में सामने आए अहम तथ्य
पुलिस ने अब्दुल से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की हैं:

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  1. महाकुंभ में धमाका करने की योजना
    अब्दुल को पहले महाकुंभ में धमाका करने का टास्क मिला था, लेकिन उसके पिता की तबियत खराब होने के कारण यह योजना फेल हो गई। इसके बाद राम मंदिर पर हमले की साजिश को फिर से सक्रिय किया गया।
  2. अबू सूफियान से संपर्क
    अब्दुल ने पुलिस को बताया कि वह झारखंड के आतंकी अबू सूफियान के संपर्क में था, और दोनों वॉट्सऐप पर बात करते थे। अबू सूफियान पाक अधिकृत कश्मीर में ISI से ट्रेनिंग प्राप्त कर चुका है और देशभर में स्लीपर मॉड्यूल तैयार करता है।
  3. हैंड ग्रेनेड ड्रोन से सीमा पार से आए
    STF को शक है कि अब्दुल को जो दो हैंड ग्रेनेड मिले हैं, वे पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारत में भेजे गए थे। ये ग्रेनेड संभवतः पंजाब या राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों से आए थे।
  4. पलवल STF ऑफिस में पूछताछ जारी
    2 मार्च को अब्दुल को फरीदाबाद के पाली इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उसके 10 दिन के रिमांड पर पूछताछ की जा रही है। STF की टीम अब्दुल के साथ यात्रा करने वाले ऑटो चालक की तलाश कर रही है और CCTV फुटेज की जांच कर रही है।
  5. भड़काऊ वीडियो और सोशल मीडिया गतिविधियां
    पुलिस को अब्दुल के दो मोबाइल मिले हैं, जिनमें भड़काऊ वीडियो और धार्मिक स्थलों की रेकी के वीडियो मिले। यह भी शक जताया गया है कि अब्दुल सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो अपलोड करता था, जो उसे आतंकी नेटवर्क से जोड़ने का कारण बना।

अब्दुल ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि 2012 में उसे दिल की बीमारी का पता चला था, जिसके बाद उसके इलाज के लिए गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा किया था।

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