Waqf land dispute: हरियाणा के नूंह जिले के तावडू खंड के गांव गुरनावट में वक्फ बोर्ड द्वारा भूमि विवाद को लेकर जारी नोटिस के बाद माहौल गरमा गया है। वक्फ बोर्ड ने गांव की 20 कनाल जमीन को अपनी संपत्ति बताते हुए ग्रामीणों को 17 अप्रैल तक जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दिया था। हालांकि, कुछ कारणों से यह कार्रवाई टाल दी गई लेकिन विवाद थमा नहीं। जमीन को लेकर अब वक्फ प्रशासन और ग्रामीण आमने-सामने हैं। वक्फ बोर्ड ने जमीन को गजट अधिसूचना के अनुसार वक्फ संपत्ति बताते हुए अवैध निर्माण हटाने की बात कही है। इस जमीन पर गांव के कुछ लोगों ने कब्जा कर निर्माण कर लिया है, जिनमें गांव के वर्तमान सरपंच का भी नाम है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह जमीन वर्षों पहले गांव की पंचायती भूमि थी और इस पर करीब पांच साल से ईदगाह में नमाज अदा की जा रही है। 1981 में वक्फ बोर्ड ने इस जमीन को अपने रिकॉर्ड में शामिल कर लिया था, लेकिन ग्रामीणों का दावा है कि यह प्रक्रिया गलत थी। ग्रामीणों ने चेताया कि यदि वक्फ प्रशासन ने ईदगाह की दीवार तोड़ने की कोशिश की, तो वे कोर्ट का रुख करेंगे और आंदोलन करेंगे। गांववासियों का कहना है कि यह उनकी आस्था का विषय है और वे अंतिम सांस तक इसके लिए संघर्ष करेंगे।
वहीं, पूरे विवाद में हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक और पूर्व विधायक जाकिर हुसैन को लेकर भी नाराजगी देखी जा रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जाकिर हुसैन अब भाजपा में हैं, इसलिए वह अपने ही लोगों के खिलाफ कार्रवाई करवा रहे हैं। गांव के लोगों ने यह भी कहा कि उन्हें विधानसभा पहुंचाने में इसी गांव की भूमिका रही है, और अब वही गांव निशाने पर है।