यमुनानगर में स्थित कलेसर नेशनल फॉरेस्ट पार्क तीन साल के बाद फिर से दर्शकों के लिए खुल गया है। कोरोना काल के दौरान यहां जंगल सफारी बंद कर दी गई थी, लेकिन अब सरकार ने संक्रमण की कमी को देखते हुए सफारी शुरू करने का निर्णय लिया है।

बता दें कि पार्क की खासियत यह है कि यह उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क और हिमाचल के सिंबलवाड़ा से जुड़ा हुआ है।इस साल अप्रैल में 110 साल बाद पार्क में बाघों की भी देखी गई। कोरोना के कारण पार्क बंद हो गया था, ताकि जंगली जानवरों पर कोई असर ना पड़े। अब इसे लोगों के लिए फिर से खोल दिया गया है। कलेसर नेशनल पार्क हिमालय की शिवालिक पर्वत मालाओं की तलहटी में स्थित है और यहां बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है।

इसकी सीमा तीन राज्यों हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से मिलती है। इस पार्क को कलेसर मठ (शिव) मंदिर के नाम पर जाना जाता है। यहां पर्यटकों को तेंदुए, सांभर, बिल्ली, चीतल, नीलगाय, भालू, जंगली धब्बेदार बिल्ली, हाथी, लंगूर, बंदर, जंगली मुर्गे और अन्य जानवरों की जानकारी और देखभाल मिलती है।

जंगल सफारी के लिए बड़ों को 30 रुपए, बच्चों को 10 रुपए का टिकट खरीदना होगा। कैमरा या वीडियो कैमरा इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग चार्ज लगेगा। यहां सैलानियों को बहुत से जानवर और पक्षियों का दर्शन मिलता है जैसे कि तेंदुआ, सांबर, बिल्ली, चीतल, नीलगाय, भालू, जंगली धब्बेदार बिल्ली, हाथी, लंगूर, बंदर, और जंगली मुर्गे। यहां जंगली सुअर और मोंगोज भी रहते हैं। कलेसर नेशनल पार्क ने देश और विदेशी दोनों ही सैलानियों को अपनी खूबसूरती और जानवरों के दर्शन का मौका दिया है।
