सड़कों पर जमा बाढ़ के पानी ने स्वास्थ्य विभाग के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। बारिश के बीच डेंगू ने भी अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। शहर में डेंगू के पांच नए केस मिले हैं। इनमें नौ और 13 साल के बच्चों समेत 6 लोग शामिल हैं। यमुनानगर में स्वास्थय विभाग की टीम ने जायजा लेने के बाद कहा कि बारिश के बाद अब डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ गया है।
नगर निगम ने शुरु की फॉगिंग
जिले मे जहां डेंगू के केस मिले हैं सभी जगहों पर स्वास्थ्य विभाग के आदेशों पर नगर निगम फॉगिंग करवा रहा है। जमा पानी के कारण आने वाले दिनों में डेंगू के केसों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। रूक-रूक कर हो रही बारिश का पानी घरों की छतों और सड़कों पर जमा हो रहा है। जिसमें डेंगू का लारवा पनप रहा है।
विभाग ने बनाया 30 बेड़ का डेंगू वार्ड
डेंगू के एक साथ पांच केस मिलने पर जिला मलेरिया विभाग ने मुकंद लाल जिला सिविल अस्पताल समेत विभिन्न जगहों पर 30 बेड के डेंगू वार्ड बना दिए हैं। जिला अस्पताल में डेंगू वार्ड के लिए 10 बेड, जगाधरी अस्पताल में 8, ईएएसआई अस्पताल में 4, साढौरा अस्पताल में 2 और सभी सात सीएचसी में एक-एक बेड आरक्षित किया गया है। इन सभी बेड पर मच्छरदानी लगाई गई है।
एंटी डेंगू माह
जुलाई को एंटी डेंगू माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस बार जमकर हुई वर्षा से आई बाढ़ ने स्वास्थ्य विभाग के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। बाढ़ के जमा पानी में डेंगू और मलेरिया का लार्वा तेजी से पनपने की संभावना रहती है।
स्कूलों में भी पानी जमा हो गया था। धीरे-धीरे पानी उतर रहा है लेकिन नमी में लार्वा पनपने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। जिसे देखते हुए स्कूलों में विद्यार्थियों को पूरी बाजू के कपड़े पहनकर आने पर जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में सिविल सर्जन ने यमुनानगर के डीईओ को पत्र भी लिखा है। जहां पर पानी जमा है वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा दवाई और काला तेल ड़लवाया जाए जिससे लार्वा न पनप सके।