हिमाचल में मंत्री पर मारपीट का मामला: NHAI अफसरों को कमरे में ले जाकर घड़े से सिर फोड़ा, FIR दर्ज; गडकरी बोले- ये लोकतंत्र नहीं गुंडाराज है
➤ शिमला में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर NHAI अधिकारियों से मारपीट का आरोप
➤ सिर पर घड़ा मारकर घायल किया, SDM समेत अफसर बने मूकदर्शक
➤ केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जताई नाराजगी, सख्त कार्रवाई की मांग की
हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर खुद उनकी ही सरकार में FIR दर्ज हुई है। मामला बेहद संगीन है और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है। आरोप है कि मंत्री ने शिमला के भट्टाकुफर में एक पांच मंजिला मकान गिरने की घटना के बाद मौके पर पहुंचे NHAI के प्रोजेक्ट मैनेजर अचल जिंदल और साइट इंजीनियर योगेश से कमरे में बंद कर मारपीट की। इतना ही नहीं, पानी से भरा घड़ा सिर पर मार दिया गया, जिससे जिंदल घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
घटना 30 जून को हुई जब अनिरुद्ध सिंह भट्टाकुफर में मकान गिरने के बाद जायजा लेने पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने मौके पर मौजूद NHAI अफसरों को किसी कमरे में ले जाकर पहले गाली-गलौज की और फिर सार्वजनिक तौर पर हिंसा की। जब साइट इंजीनियर बीच-बचाव करने आए तो उन्हें भी पीटा गया। शिकायतकर्ता अफसरों के मुताबिक, SDM समेत मौजूद प्रशासनिक अफसर तमाशा देखते रहे और किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया।
गडकरी का सख्त रुख: ‘लोकतंत्र का अपमान’
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह घटना लोकतंत्र नहीं बल्कि ‘गुंडाराज’ का प्रतीक है। गडकरी ने ट्वीट कर लिखा, “यह एक लोकसेवक की व्यक्तिगत सुरक्षा और संस्थागत अखंडता पर हमला है। मैंने मुख्यमंत्री से बात की है और सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।”
CM सुखविंदर सुक्खू ने भी दिया जवाब
मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी गडकरी को आश्वासन दिया कि कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है और बयान देने से इनकार कर दिया है।
FIR दर्ज, IPC की गंभीर धाराएं लगाईं गईं
पीड़ित अफसर की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 132, 121(1), 352, 126(2), 3(5) के तहत FIR दर्ज की गई है। मामले की जांच शुरू हो चुकी है और आरोपी मंत्री की भूमिका की पड़ताल की जा रही है।
विपक्ष भी हमलावर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, “एक मंत्री द्वारा अधिकारियों को कमरे में बंद कर पीटना शर्मनाक है। यह सीधे लोकतंत्र और कानून व्यवस्था की हत्या है।” उन्होंने दावा किया कि मंत्री के समर्थकों ने बाहर निकलते वक्त भी अधिकारियों पर हमला किया और गमले तक फेंके।