US Deportation India: अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीयों का डिपोर्टेशन जारी है। 15 और 16 फरवरी को अमृतसर एयरपोर्ट पर अमेरिका से दो विशेष फ्लाइट पहुंचेंगी, जिनमें 119 भारतीयों को वापस भेजा जाएगा। इनमें सबसे अधिक 67 लोग पंजाब से होंगे, जबकि हरियाणा से 33 और हिमाचल प्रदेश का एक व्यक्ति भी इन फ्लाइट्स में शामिल होगा।
सूत्रों के मुताबिक, पहली फ्लाइट 15 फरवरी की रात 10 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरेगी, जिसमें अधिकतर पंजाब और हरियाणा के लोग होंगे। दूसरी फ्लाइट 16 फरवरी को लैंड करेगी, जिसमें अन्य राज्यों के लोगों के साथ हिमाचल प्रदेश के एक शख्स के भी शामिल होने की संभावना है।
पंजाब से सबसे अधिक लोग डिपोर्ट:
पंजाब लंबे समय से अवैध प्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है। हर साल हजारों युवा विदेश में बसने का सपना देखते हैं, लेकिन गलत रास्तों को अपनाने के कारण उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस बार भी डिपोर्ट किए गए 119 भारतीयों में से सबसे अधिक 67 लोग पंजाब से ही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पंजाब में अवैध इमिग्रेशन नेटवर्क बहुत सक्रिय है। लोग एजेंटों के माध्यम से अमेरिका, कनाडा और यूरोप जाने की कोशिश करते हैं। कई बार ये लोग धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं और अवैध रूप से सीमा पार करने के प्रयास में पकड़े जाते हैं।
हरियाणा और हिमाचल
इस बार डिपोर्ट होने वाले 119 भारतीयों में 33 हरियाणा से हैं, जो राज्य में बढ़ते अवैध प्रवास के ट्रेंड को दिखाता है। पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा से भी विदेश जाने की चाहत रखने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
हिमाचल प्रदेश से इस बार एक व्यक्ति डिपोर्ट हुआ है, जो राज्य के लिए नई चिंता का विषय हो सकता है। पिछले डिपोर्टेशन में हिमाचल का कोई व्यक्ति शामिल नहीं था, लेकिन इस बार हिमाचल से भी प्रवासी अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने की कोशिश में पकड़े गए हैं।
हथकड़ी और बेड़ियों का मुद्दा फिर गरमाया:
पिछली बार की तरह इस बार भी डिपोर्ट किए गए लोगों को हथकड़ी और बेड़ियों में लाने की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले जब अमेरिका ने भारतीयों को डिपोर्ट किया था, तब उनकी हालत देखकर देशभर में आक्रोश फैल गया था। अब देखना होगा कि इस बार अमेरिकी प्रशासन किस तरह इन प्रवासियों को भेजता है।
डिपोर्टेशन के इस बढ़ते ट्रेंड पर विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध इमिग्रेशन रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत है। अमेरिका और अन्य देशों ने अवैध प्रवास के खिलाफ सख्ती बढ़ा दी है, जिससे भविष्य में ऐसे मामलों की संख्या और बढ़ सकती है।