➤हिमाचल सरकार की “एप्लाइड फॉर” गाड़ी में कुत्ते की सवारी का वीडियो वायरल।
➤वाहन सरकारी होने के संकेत, पर किसके अधीन है—पता नहीं।
➤विपक्ष और सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना तेज।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के कार्ट रोड से एक बेहद चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें एक कुत्ता सरकारी ‘एप्लाइड फॉर’ गाड़ी की पिछली सीट पर शाही अंदाज में बैठा नज़र आ रहा है। गाड़ी के रजिस्ट्रेशन पर ‘Applied For’ अंकित है और साथ में फ्लैग रॉड भी दिखाई दे रही है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि यह वाहन किसी वीआईपी अधिकारी या नेता से संबंधित है।
इस वीडियो के वायरल होते ही कांग्रेस सरकार एक बार फिर विपक्ष और सोशल मीडिया के निशाने पर आ गई है। पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने चुटकी लेते हुए ट्वीट किया, “सुख की सरकार में मित्रों के साथ कुत्तों की भी मौज।” उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अब सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल न सिर्फ ‘मित्रों’ बल्कि ‘पालतुओं’ के लिए भी हो रहा है।
प्रशासन मौन, गाड़ी का कोई रिकॉर्ड नहीं
इस गाड़ी पर कोई स्पष्ट सरकारी नंबर नहीं था, बल्कि “Applied For” का टैग लगा हुआ था। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह वाहन किस विभाग या नेता से जुड़ा है। वीडियो बनाने वाली गाड़ी में भी फ्लैग रॉड लगा होने के कारण यह संदेह और भी गहरा गया है कि यह पूरा घटनाक्रम उच्च स्तर के अधिकारियों से जुड़ा हो सकता है। वहीं, सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है और कोई भी मीडिया से कुछ कहने को तैयार नहीं।
सोशल मीडिया पर आक्रोश
इस वीडियो के सामने आते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। यूजर्स ने इसे ‘सरकारी संसाधनों का वीआईपी दुरुपयोग’ करार दिया। एक यूजर ने कटाक्ष किया, “सरकारी बसें, सरकारी स्कूल और दफ्तरों की हालत खराब है, लेकिन कुत्तों की सवारी के लिए लक्जरी गाड़ियां मौजूद हैं। जनता का पैसा कहां जा रहा है?”
प्रवीण कुमार नामक यूजर ने लिखा, “HP Government Vehicle… and the dog is the royal guest?”
वहीं, ठाकुर पंकज ने लिखा, “यह कहावत सही साबित हो गई – अंधा पीसे, कुत्ता चट्टे। अब इसमें भी सरकारी मुहर लग चुकी है।”

राजनीतिक गलियारों में हलचल
यह वीडियो ऐसे समय सामने आया है जब राज्य सरकार पर पहले से ही फिजूलखर्ची और प्रशासनिक अकर्मण्यता के आरोप लगते रहे हैं। विपक्ष को अब एक और मुद्दा मिल गया है जिससे कांग्रेस सरकार पर हमला तेज किया जा सकता है।
वीडियो के वायरल होने के बाद सवाल उठता है कि क्या हिमाचल जैसे संवेदनशील पर्वतीय राज्य में जहां बाढ़, भूस्खलन और मूलभूत सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दे सिर उठाए खड़े हैं—वहां सरकारी गाड़ियों का इस प्रकार उपयोग क्या शोभनीय है?

अब क्या सरकार देगी जवाब?
इस पूरे मामले में फिलहाल सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। न ही यह स्पष्ट किया गया है कि गाड़ी किस अधिकारी या विभाग को अलॉट थी।
लेकिन यह मामला सिर्फ एक कुत्ते के गाड़ी में बैठने का नहीं, बल्कि उस मानसिकता का है जहां जनता के पैसे से खरीदे गए संसाधनों का जवाबदेही से नहीं, ऐशोआराम से जुड़ाव ज़्यादा दिखाई देता है।