हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से काफी तबाही का मंजर सामने आया है। हिमाचल प्रदेश में करीब 9000 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में करीब 11000 लोग पलायन करने पर मजबूर है। माहौल को देखते हुए लोग अपने घरों को छोड़कर जाने मजबूर हैं। कई घरों में दरारें आ गई हैं और मिट्टी नीचे बह गई है। जिससे घर कभी भी गिर सकते हैं। वहीं कुछ लोग प्रदेश को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं।
इंसान को सपनों का आशियाना बनाने के लिए खून पसीने की कमाई के साथ सालों मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में अगर अचानक आशियाना छोड़कर इंसान को कहीं ओर जाना पड़ जाए तो दुखों के इस पहाड़ का आपबीती बीतने वाला इंसान ही जाहिर कर सकता है। ऐसा ही हिमाचल प्रदेश के शिमला में रह रहे लोगों के साथ बीत रहा है। लगातार हो रही बारिश के बाद शिमला के कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। जिसकी वजह से 9000 से ज्यादा लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और उनके घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है।
घरों के नीचे की मिट्टी बह जाने के कारण कभी भी अनहोनी घटना घटित हो सकती है। लोगों ने खतरे को देखते हुए यहां पलायन करना शुरू कर दिया है। पहाड़ की ढलाव पर बसे समरहिल और कृष्णा नगर के कई घर खत्म होने के कगार पर है। हालांकि कुछ परिवारों को राहत शिविर में शिफ्ट किया गया है, लेकिन दोपहर के समय यह लोग अपने घरों की ओर चले आते हैं। इन्हें अपने आशियाने की चिंता है।
मौसम विभाग ने 17 राज्यों में किया बारिश का अलर्ट जारी
उधर मौसम विभाग ने आज उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश सहित 17 राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। दिल्ली में सुबह तेज बारिश हुई है। पंजाब के 7 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। फिरोजपुर जिले में भारत-पाक सीमा स्थित चेक पोस्ट पानी में डूबने के साथ 50 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यहां से 50 के करीब किसानों को निकाला गया है। आरजी पुल टूटने से 15 गांवों का संपर्क टूट गया है।
भारी बारिश व तूफान को लेकर येलो अलर्ट जारी
सरकार की ओर से हिमालच प्रदेश में भारी बारिश के चलते अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल विज्ञान केंद्र की ओर से प्रदेश के 10 जिलों में अलग-अलग स्थानों पर 21 और 22 अगस्त को भारी बारिश, तूफान और बिजली गिरने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 21 अगस्त से बारिश की गतिविधियों में तेजी हो सकती है। 24 अगस्त को प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश की संभावना है।
11 जिलों की 857 सड़कों के मार्ग अवरूद्ध, 10 हजार करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश के कुल 12 जिलों में से 11 की 857 सड़कों के मार्ग अवरूद्ध हो गए हैं। बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं से प्रदेश में 10000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही 4285 ट्रांसफार्मर और 889 जल आपूर्ति योजनाएं ठप हो गई हैं। आशियानों के क्षतिग्रस्त होने से लोग पलायन करने पर मजबूर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके घर असुरक्षित होने से वह पलायन करने को मजबू हैं। उन्होंने ऐसी स्थिति को पहले कभी नहीं देखा। अब उनके लिए सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं है।
लोगों के दिलों में घर कर गया खौफ का मंजर, 330 की मौत, 37 अभी भी लापता
हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा से चारों तरफ तबाही का मंजर लोगों के दिलों में खौफ का घर कर गया है। प्रदेश में अब तक 330 लोगों की मौत हो चुकी है और अलग-अलग जगहों पर 324 लोग घायल हुए हैं। वहीं 37 लोग अभी भी लापता हैं। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह ने प्रदेश को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। प्रदेश में बचाव अभियान जारी है। सुक्खू सरकार अपने संसाधनों के जरिए बारिश और भूस्खलन से प्रभावित परिवारों और लोगों की मदद का प्रयास कर रही है। साथ ही केंद्रीय दलों ने नुकसान के आकलन के लिए प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया है।