राजस्थान, मध्य प्रदेश, और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने बुधवार को लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। चुनाव में भाजपा ने कुल 21 सांसदों को मैदान में उतारा, उनमें से 12 ने जीत हासिल की और बाकी 9 हार गए। इन सभी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इन जीतों के बाद सांसदों ने अपने पदों से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। जिनमें राज्यवर्धन सिंह राठौड़, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, उदय प्रताप, रीति पाठक, अरुण साव, गोमती साई, दीया कुमारी और किरोणी लाल मीणा आदि नेता शामिल रहे। इन सांसदों की बड़ी जीत के बाद भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इनके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इन सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा से मिलकर अपना इस्तीफा दिया। वहीं मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर से विधायक का चुनाव जीतने वाले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि वह जल्दी ही कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। वहीं बाबा बालकनाथ सिंह और रेणुका सिंह ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है। इन दोनों सांसदों को राज्यसभा में रखा जा सकता है, इस पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
पार्टी नेताओं की प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठकें
चुनाव के बाद भाजपा का प्लानिंग अच्छे से काम किया और इन सांसदों को उतारकर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के नेताओं के साथ बैठकें हुईं और इन सांसदों ने अपना इस्तीफा देने का निर्णय लिया।राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की रेस में बाबा बालकनाथ सिंह और रेणुका सिंह का नाम आ रहा है। इस तरह भाजपा ने इस बार के विधानसभा चुनावों में कई सांसदों को चुनाव में जीत हासिल कराई और उन्हें बड़ी जिम्मेदारियों में ले आई।