केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की महान संस्कृति को आगे बढ़ाना हमारा कर्म है। इसी के अनुसार नीतियों और कानून का निर्धारण होना चाहिए। इसी पथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कार्य कर रही है। इसके तहत ही केंद्र सरकार ने कई अहम और कड़े फैसले लिए हैं। इसमें जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाना, तीन तलाक खत्म करना, राम मंदिर का निर्माण आदि शामिल है।
गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर ब्रह्मसरोवर परिसर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में आयोजित संत सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। इससे पहले स्मृति चिह्न भेंटकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनका स्वागत किया। उन्होंने अमित शाह को लौह पुरुष बताया। साथ ही कहा कि उनके कड़े फैसलों से आज देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। अमित शाह हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल होने के लिए शुक्रवार को पत्नी सोनल शाह के साथ संत सम्मेलन में पहुंचे। इस दौरान ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा में चल रहे संत सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्मृति चिह्न भेंट कर उनका स्वागत किया।
इससे पहले अमित शाह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर योग गुरु स्वामी रामदेव, गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज और स्वामी अवधेशानंद सहित कई संत-महात्मा ने शिरकत की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पांडव पुत्र अर्जुन को युद्ध के लिए प्रेरित करने और उनकी शंकाओं का समाधान करने के लिए गीता का संदेश दिया था। आज अगर इसका अनुसरण किया जाए तो दुनिया में युद्ध की आवश्यकता ही नहीं होगी।
उन्होंने सभी से गीता के संदेश को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने का आह्वान किया। अमित शाह ने कहा कि आज दुनिया के तमाम देश भी मान रहे हैं कि गीता संदेश में हर शंका का समाधान समाहित है। कार्यक्रम में स्वामी परमात्मानंद, स्वामी राजेंद्र दास, स्वामी ब्रम्हानंद, स्वामी ब्रह्मसरूप, बाबा भूपेंद्र, स्वामी शाश्वतानंद, राज्यमंत्री संदीप सिंह और विधायक सुभाष सुधा भी मौजूद रहे।
गीता ने गीता सिखाई तो तमाम उतार-चढ़ाव के बाद नहीं हुआ निराश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बचपन से ही मां ने गीता सिखाई थी। यही कारण है कि जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव के बाद भी निराश नहीं हुआ। आज भी गीता उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी हजारों साल पहले थी। उन्होंने गीता के संदेश को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने और सभी से इसे आत्मसात करने का आह्वान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय गृहमंत्री को लौह पुरुष की संज्ञा देते हुए कहा कि उनके कड़े फैसले से ही आज देश तरक्की के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने संतों से भी गीता के प्रचार-प्रसार को गति देने का आग्रह किया। संत-सम्मेलन में योग गुरु स्वामी रामेदव, गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भी गीता के मर्म पर प्रकाश डाला।
मनोहर लाल ने पीएम मोदी की परिकल्पना को किया साकार
कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाने की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में कुरुक्षेत्र आगमन पर ही की थी, जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साकार किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संत सम्मेलन के बाद पत्नी सोनल शाह के साथ शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी उनके साथ रहे। शक्तिपीठ के पीठाधीश सतपाल शर्मा महाराज ने विधि विधान से पूजा अर्चना करवाई। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए।