दिल्ली एनसीआर में एक्यूआई 400 के पार पहुंचते ही ग्रेप-3 की पाबंदियों को लागू कर दिया गया है। दिल्ली और नोएडा के अधिकांश हिस्सों में शाम चार एक्यूआई 392 और शाम पांच बजे एक्यूआई का स्तर 402 पहुंच गया। ग्रेप तीन एक्यूआई (401- 450) पहुंचने पर लागू होता है। ऐसे में अब दिल्ली एनसीआर में प्रतिबंध की सीमा बढ़ गई है। वहीं ग्रेप-1 और 2 में जो पाबंंदियां लगी थी वो जारी रहेंगी। ऐसे में अब क्षेत्र में सभी कंस्ट्रक्शन काम को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। क्लास 5 तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास चलाई जाए।
ग्रैप के कार्यान्वयन के लिए सीएक्यूएम ने वायु गुणवत्ता की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की। जिसमें यह देखा गया कि पिछले 24 घंटों में हवा की गुणवत्ता में और गिरावट दर्ज की गई। बैठक में फैसला लिया गया है कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप की स्टेज-1 और 2 के अलावा स्टेज-3 को लागू किया जाना चाहिए। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 2 नवंबर को ही ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है। नोएडा में एक्यूआई 410 है।
दिल्ली-एनसीआर में इन पर लगी पाबंदी
कंस्ट्रक्शन वर्क के साथ धूल से जुड़ी एक्टिविटी जैसे खुदाई, बोरिंग, ड्रिलिंग, स्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन, वैल्डिंग से जुड़े काम, तोड़फोड़ की गतिविधि, प्रोजेक्ट साइट से बाहर निर्माण सामग्री उतारना लोड करना, ओपन ट्रेंच सिस्टम के जरिए सीवर लाइन, पानी लाइन, ड्रेनेज काम आदि पर रोक।
बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल की कारों पर रोक रहेगी।
दिल्ली-एनसीआर में स्टोन क्रशर जोन और खनन से जुड़े कामों पर रोक।
क्लास -5 के बच्चों को स्कूल की बजाय ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाए।
अधिकतर कार्य वर्क फार होम कराया जाए।
कम दूरी के लिए साइकिल का यूज किया जाए।
इनको अभी रहेगी छूट
हालांकि, रेलवे सेवाओं, रेलवे स्टेशन पर, मेट्रो रेल सर्विस से जुड़े, एयरपोर्ट और अंतरराज्यीय बस अड्डों, राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा से जुड़ी परियोजनाओं, अस्पताल और हेल्थ केयर सेंटर, पब्लिक प्रोजेक्ट जैसे फ्लाई ओवर, सड़क, नेशनल हाईवे, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन या डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े कामों को छूट रहेगी।