भुट्टो ने भारत को दी धमकी—सिंधु में पानी या खून बहेगा
भारत ने सिंधु जल संधि को तीन चरणों में स्थगित करने का फैसला किया
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को एक बूंद पानी नहीं देने की चेतावनी
Bilawal Bhutto Statement: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले पर पाकिस्तान में राजनीतिक उबाल चरम पर है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने शुक्रवार को एक जनसभा में भारत के खिलाफ तीखा हमला बोलते हुए कहा, “या तो सिंधु में हमारा पानी बहेगा, या फिर उनका खून बहेगा। सिंधु दरिया हमारा है और हमारा ही रहेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की एकतरफा कार्रवाई को पाकिस्तान नहीं मानेगा, और पाकिस्तान की अवाम इसके खिलाफ डटकर मुकाबला करेगी।
भुट्टो ने कहा कि भारत की बड़ी आबादी यह तय नहीं कर सकती कि पानी किसका है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए पाकिस्तान पर झूठे आरोप लगा रही है और सिंधु जल समझौते को तोड़ने जैसा खतरनाक कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की जनता दुनिया को यह संदेश देगी कि सिंधु पर किसी भी तरह की ‘डाका’ उन्हें मंजूर नहीं।
उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भरोसा दिलाया कि सिंधु जल समझौते पर सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। साथ ही अपनी मां बेनज़ीर भुट्टो का हवाला देते हुए कहा कि पीपीपी और सिंध प्रांत की जनता ने पहले भी नदी पर डैम और नहरों के मंसूबों को नाकाम किया है और आगे भी ऐसा ही करेंगे।
वहीं भारत की ओर से केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को तीन चरणों में स्थगित करने का फैसला किया है। शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी मौजूद थे। जलशक्ति मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को एक बूंद पानी नहीं दिया जाएगा और इसके लिए तीन तरह की रणनीति बनाई जा रही है, जिसकी विस्तृत जानकारी अभी नहीं दी गई है।
भारत की ओर से जलशक्ति सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तानी जल संसाधन मंत्रालय को पत्र भेजकर बताया कि यह संधि ‘अच्छे रिश्तों’ के लिए थी, लेकिन अब यह आधार समाप्त हो चुका है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने इसे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ यानी ‘जंग के बराबर’ करार दिया है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम के पास बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट की हत्या कर दी गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस हमले में 10 से अधिक लोग घायल भी हुए थे। इसके बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि स्थगन समेत 5 बड़े फैसले लिए हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंक के मददगारों पर कार्रवाई तेज हो गई है। अब तक छह आतंकवादियों के घर विस्फोट से गिराए जा चुके हैं, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़े नाम शामिल हैं। सुरक्षाबलों ने लश्कर के आसिफ शेख, आदिल ठोकेर, हारिस अहमद और जाकिर अहमद गनई, शाहिद अहमद कुटे, तथा जैश के अहसान उल हक के घरों को गिराया।
इनमें अहसान उल हक 2018 में पाकिस्तान से आतंकी ट्रेनिंग लेकर लौटा था, जबकि आसिफ और आदिल का नाम सीधे पहलगाम हमले में सामने आया है। इन कार्रवाइयों को त्राल, अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जिलों में सर्च ऑपरेशन के दौरान अंजाम दिया गया, जहां सेना और सुरक्षाबल घाटी में आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए एक्शन मोड में हैं।
इसबीच पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार सुबह और शनिवार तड़के नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारतीय फॉरवर्ड पोस्ट्स को निशाना बनाकर दो बार फायरिंग की। जवाब में भारतीय सेना ने भी पूरी तत्परता से जवाबी फायरिंग की। हालांकि इस सीमा पार गोलीबारी में किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। सेना LoC की स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।
वहीं, घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत शनिवार सुबह गुजरात पुलिस ने सूरत और अहमदाबाद में संयुक्त अभियान चलाया। इसमें 500 बांग्लादेशी घुसपैठियों को हिरासत में लिया गया है। ये कार्रवाई उस वक्त हुई जब गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को देश के मुख्यमंत्रियों से घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने की अपील की थी। इस कार्रवाई को लेकर केंद्रीय एजेंसियां भी एक्टिव हो गई हैं।