केरल के वायनाड में भारी तबाही के बाद अब Himachal में भारी बारिश के दौरान 3 जगह बादल फटने की खबर आई है। कुल्लू मंडी और रामपुर में बारिश से भारी तबाही हुई है। पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ने से मलाणा में पावर प्रोजेक्ट का 1 डैम टूट गया। रामपुर के समेज खड्ड में बादल फटने के बाद समेज गांव के कई घर बह गए। अब तक करीब 8 लोगों के शव मिल चुके हैं, जबकि 52 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
वहीं, उत्तराखंड में केदारनाथ और टिहरी गढ़वाल के घनसाली में भी बुधवार रात बादल फटे। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई। एक शख्स घायल है। केदारनाथ यात्रा रूट पर 30 मीटर की सड़क टूटकर मंदाकिनी में समा गई। यहां 200 से ज्यादा लोग फंसे हैं। फिलहाल यात्रा रोकी गई है।
उत्तराखंड में बादल फटने के बाद मंदाकिनी के उफनने से गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक की सड़कों पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। मंदाकिनी का जलस्तर बढ़ता देख सोनप्रयाग और गौरीकुंड के होटल खाली करा लिए गए। रुद्रप्रयाग के DM सौरभ गहरवार के मुताबिक यात्रा रोक दी गई है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है।
लैंडस्लाइड में 249 मौतें, 240 लापता
केरल के वायनाड में तेज बारिश की वजह से सोमवार (29 जुलाई) देर रात 4 अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुए लैंडस्लाइड में 4 गांव बह गए। अब तक 249 लोगों की मौत हो चुकी है। 131 अस्पताल में हैं, जबकि 240 लोगों के लापता होने की खबर है। रेस्क्यू के लिए आर्मी, एयरफोर्स, SDRF और NDRF की टीम मौके पर मौजूद है।
बारिश के कहर से मौतें
बारिश के कहर से लगातार अलग-अलग जगहों से लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। जहां टिहरी में बादल फटने से तीन की मौत हो गई है। देहरादून में बरसाती नाले में बहने से एक की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता है। चमोली के गैरसैण में मकान ढहने से एक महिला की मौत हो गई।
हरिद्वार के ग्राम भौरी में मकान ढहने से दो बच्चों की मौत हो गई। हल्द्वानी और बागेश्वर में अलग-अलग घटनाओं में दो बच्चों के बहने की सूचना मिली है। नैनीताल के धारी में पत्थर की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। रुद्रप्रयाग और टिहरी जिले बारिश के कहर से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।