दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर आज बड़ा हादसा होने से बच गया। विस्तारा एयरलाइंस के एक विमान को उड़ान भरने की तैयारी में था और दुसरा विमान उतरने की प्रक्रिया में था। ऐसे में दो विमानों की एक समय पर लैंडिग और टेकआफ होने की वजह से स्थिति गंभीर हो सकती थी।
बताया जा रहा है दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे एक विमान के उड़ान भरने की अनुमति देते ही वही दूसरा विमान उतर रहा था। हादसे से बचाने के लिए तुरंत एटीसी के निर्देश के बाद उड़ान को रोका गया। दोनों विमानों को एक साथ अनुमति दी गई थी। लेकिन एटीसी ने तुरंत स्थिति को नियंत्रण में कर लिया।
समय रहते टला बड़ा हादसा
इस घटना के बारे में जानने वाले अधिकारियों ने बताया कि ऐटीसी के अधिकारी ने टेक-ऑफ करने वाली फ्लाइट के फौरन रोक दिया। टैकऑफ करने के बाद दिल्ली बागडोरा जाने वाले फ्लाइच को तुरंत रनवे से हटाकर पार्किंग में ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि इसे फिर से ईधन दिया गया था ताकि यह देखा जा सके कि विमान में बागडोरा में खराब मौसम की स्थिति में वापस दिल्ली लौटने के लिए पर्याप्त ईंधन हो। उन्होनें कहा कि ब्रेकिंग सिस्टम भी चेक किया गया था। अगर उड़ान को सही समय पर नहीं रोका जाता तो, एक बड़ा हादसा हो सकता था।
समय रहते दिए ATC ने निर्देश
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार समय रहते ही एटीसी द्वारा निर्देश दिया गया और जो फ्लाइट उड़ान भरने वाली थी। उसका संचालन रोक लिया गया, जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया। घटना से अवगत एक अधिकारी ने बताया, ‘दोनों को एक ही समय में अनुमति दी गई थी लेकिन एटीसी ने तुरंत नियंत्रण ले लिया. ड्यूटी पर मौजूद एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) अधिकारी ने विस्तारा की फ्लाइट को उड़ान रद्द करने के लिए कहा।’
बेहतर निगरानी की होती है आवश्यकता- वरिष्ठ पायलट
वरिष्ठ पायलट और सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन के संस्थापक, कैप्टन अमित सिंह ने कहा कि उड़ान पथ की निकटता के कारण संभावित यातायात टकराव से बचने के लिए निकट दूरी वाले रनवे से उड़ान संचालन के लिए बेहतर निगरानी और एसओपी के सख्त अनुपालन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, “आम तौर पर एक रनवे पर किसी विमान को तब तक टेक-ऑफ क्लीयरेंस जारी नहीं किया जाता जब तक कि विमान दूसरे रनवे पर उतर न गया हो।”
“हालांकि, एक चूक के कारण यदि विमान को एक रनवे से उड़ान भरने की अनुमति दी जाती है और दूसरे रनवे पर आने वाला विमान लैंडिंग को रद्द करने और आगे चढ़ने के लिए चक्कर लगाने का निर्णय लेता है, तो दो विमानों का उड़ान पथ अंदर आ जाता है।