● सोने का भाव 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंचा
● टीना फैक्टर के प्रभाव से सोने की मांग बढ़ी
● डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और जियो-पॉलिटिकल टेंशन से सोने के दामों में वृद्धि
GoldPrices: हाल ही में सोने के दामों में जिस तरह की बढ़ोतरी देखी जा रही है, वह आम लोगों के लिए हैरान करने वाली हो सकती है। गोल्ड अब 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच चुका है, जो पहले कभी नहीं हुआ। यह वृद्धि केवल एक दिन का खेल नहीं है, बल्कि पिछले कुछ वर्षों में बढ़ती जियो-पॉलिटिकल टेंशन और ट्रेड वॉर की आशंकाओं के कारण हुआ है। लेकिन इस बढ़ोतरी के पीछे एक और अहम वजह है, जिसे शायद बहुत कम लोग समझते हैं — टीना फैक्टर (TINA Factor)। यह क्या है और इसका सोने के दामों से क्या संबंध है? आइए इसे समझते हैं।
टीना फैक्टर: सोने की बढ़ती कीमतों का बड़ा कारण
टीना फैक्टर का पूरा नाम है “There Is No Alternative” यानी “इसका कोई पूरक नहीं।” इसका सीधा मतलब है कि जब दुनियाभर में आर्थिक संकट या राजनीतिक अशांति बढ़ती है, तब निवेशकों के पास सोने को छोड़कर कोई और सुरक्षित निवेश का विकल्प नहीं होता। ऐसे हालात में, सोने का आकर्षण बढ़ जाता है और उसकी मांग भी बढ़ जाती है। सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है, जो अन्य अस्थिर निवेशों की तुलना में अपेक्षाकृत सुरक्षित होता है।
जब निवेशक शेयर बाजारों में गिरावट, युद्ध, या वैश्विक अस्थिरता को देखते हैं, तो वे अपने पैसे को सोने में बदलने का विकल्प चुनते हैं। यह स्थिति सोने की कीमतों को और अधिक बढ़ा देती है, क्योंकि बाजार में सोने की मांग और अधिक बढ़ जाती है। यही वजह है कि इन दिनों सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
सोने के दामों में इस समय की तेजी का कारण
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ ऐलान किया था, जिससे दुनियाभर में शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। इस गिरावट ने निवेशकों को सोने में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, टैरिफ के चलते ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका ने सोने की मांग को और बढ़ा दिया। इसके परिणामस्वरूप, सोने के दाम अब 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गए हैं और कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह 1 लाख रुपये तक भी जा सकते हैं।
“टीना फैक्टर” के प्रभाव से सोने की बिक्री और मांग लगातार बढ़ रही है। इस समय, गोल्ड के प्रति निवेशकों का झुकाव लगातार बढ़ता जा रहा है, क्योंकि इस संकट काल में गोल्ड को सबसे सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है।
क्या सोने के दाम और बढ़ सकते हैं?
सोने के दामों में वृद्धि को लेकर अब तक के संकेत कुछ ऐसे हैं कि यह और भी बढ़ सकते हैं। बैंक ऑफ अमेरिका ने गोल्ड के लिए अपना टारगेट प्राइस बढ़ाया है। साथ ही, कई एनालिस्ट का मानना है कि सोने की कीमतें आने वाले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं।
हालांकि, सोने के दामों की बढ़ोतरी हर किसी के लिए आसान नहीं है, खासकर आम आदमी के लिए। जिन लोगों ने पहले से गोल्ड में निवेश किया है, उनके लिए यह समय अच्छा हो सकता है, लेकिन नए निवेशकों के लिए सोने में निवेश महंगा पड़ सकता है।
निवेश के मामले में सोने की भूमिका
सोना हमेशा से एक सुरक्षित और स्थिर निवेश माना गया है। जब भी दुनिया भर में अस्थिरता बढ़ती है, तो सोने को एक सुरक्षा कवच के रूप में देखा जाता है। यह केवल एक धातु नहीं है, बल्कि निवेशकों के लिए एक भावनात्मक और मानसिक सहारा भी बन जाता है। हालांकि, सोने के दामों में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, लेकिन यह लंबे समय तक एक स्थिर और भरोसेमंद निवेश विकल्प रहा है।