● ज्ञानेश कुमार होंगे नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC), 19 फरवरी से लेंगे पदभार
● उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा, विवेक जोशी को बनाया गया चुनाव आयुक्त
● बैठक में राहुल गांधी ने जताई आपत्ति, सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने का दिया तर्क
Gyanesh Kumar CEC: भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनके नाम पर अंतिम मुहर लगी। मौजूदा CEC राजीव कुमार का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है, जिसके बाद 19 फरवरी से ज्ञानेश कुमार पदभार ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। वे हरियाणा के मुख्य सचिव रह चुके हैं और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
🔹 बैठक में राहुल गांधी की आपत्ति
CEC की नियुक्ति को लेकर हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। इस दौरान राहुल गांधी ने बैठक को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने तर्क दिया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए फिलहाल बैठक नहीं होनी चाहिए थी। हालांकि, बैठक में रखे गए पांच नामों की सूची में से ज्ञानेश कुमार को चुना गया।
इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि विपक्ष इस नियुक्ति पर क्या रुख अपनाता है और सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले का क्या प्रभाव पड़ता है।

कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार अब तक चुनाव आयुक्त के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे थे। वे पहले सहकारिता मंत्रालय के सचिव थे और 31 जनवरी 2024 को रिटायर हुए। कुमार अनुच्छेद 370 हटाने जैसे महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय में भी काम किया है। कुल मिलाकर, कुमार का एक लंबा और प्रभावशाली प्रशासनिक करियर रहा है।
ज्ञानेश कुमार ने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया से बिजनेस फाइनेंस की भी पढ़ाई की है। उनके पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की पर्यावरण अर्थशास्त्र की डिग्री भी है। ज्ञानेश कुमार जनवरी, 2024 में सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद उन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति दी गई। सहकारिता मंत्रालय से पहले उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्रालय में कई दायित्वों को संभाला था।