ज्ञानवापी सर्वे : परिसर में बांटे 4 ब्लॉक, वजूखाने को छोड़ जुटाए जा रहे साक्ष्य

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ज्ञानवापी में भारतीय पुरातत्व विभाग सर्वे वीरवार को शुरू होने के बाद से लेकर अब तक जारी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान भी 6 घंटे तक सर्वे किया गया था। अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था। एएसआई की 61 मेंबर्स की टीम सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक दो शिफ्ट में सर्वे करेगी। वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे किया जाना है।

वहीं सर्वे के शुरूआत में मुस्लिम पक्ष टीम के साथ मौजूद नहीं था, परंतु शनिवार को मुस्लिम पक्ष भी टीम के साथ मौजूद है। परिसर से बाहर निकलते हुए इंतजामिया कमेटी के वकील ने भी जानकारी देते हुए बताया है कि जांच चल रही है, हम संतुष्ट है। मस्जिद के ताले को खोलकर अंदर मशीनों को ले जाया जा चुका है,  लेकिन उनको अभी तक इस्तेमाल में नहीं लाया गया है। वहीं तहखाने को खोलने के लिए भी बोला जा चुका है, जो अभी तक बंद है।

फिल्हाल टीम द्वारा चीजों की लिस्ट तैयार की जा रही है। अंदर से कोई भी पत्थर का टुकड़ा या मिटटी सैम्पल के लिए नहीं ली जा सकती है। ज्ञानवापी परिसर को 4 ब्लॉक में बांट दिया गया है, जहां की वीडियोग्राफी करने के साथ-साथ कैमरे भी लगाए गए है।

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पश्चिमी दीवार पर फोकस, कलाकृतियों पर नजर

वहीं ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार पर सबसे ज्यादा फोकस है, दीवार की बारीक स्कैनिंग की जा रही है। कलाकृतियों पर नजर रखी जा रही है। सर्वे के दौरान जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया है। मंदिर के आस-पास कड़ी सुरक्षा है। एएसआई की टीम के अलावा जिले के कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर और काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

मॉडर्न टेक्नीक का किया जा रहा इस्तेमाल

वहीं हिंदू पक्ष अधिवक्ता विष्णु शंकर का कहना है कि सर्वे में मॉडर्न टेक्नीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इमेजिंग, मैपिंग और साफ सफाई की जा चुकी है। टीम द्वारा सर्वे में कितना समय लगने वाला है, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। टीम को पता लगाना है कि क्चर कितना पुराना है, कुछ नया कंस्ट्रक्शन हुआ है या नहीं। वहीं मुस्लिम पक्ष की मौजूदगी में तहखाने में सर्वे किया जा सकता है।

क्या हुआ 2 दिन के सर्वे में

टीम द्वारा 2 दिन के सर्वे के दौरान परिसर की पैमाइश को पूरा किया गया है। वहीं चार सैक्टर बनाकर 100 मीटर एरियल व्यू फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की जा चुकी है। अब तक पश्चिमी दीवारों के निशान, दीवार पर सफेदी का चूना, ईंट में राख और चूने की जुड़ाई समेत मिट्टी के कई सैंपल जुटाए हैं, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा।