कांग्रेस पार्टी छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल आप के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता को राज्यसभा से आउट कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी ने उन्हें दूसरी पारी के लिए नॉमिनेट नहीं किया है। बताया जा रहा है कि आप की ओर से इस बार स्वाति मालीवाल को प्रत्याशी बनाकर मौका दिया गया है। सुशील गुप्ता अब इसी वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी करेंगे। हालांकि गुप्ता कहां से चुनाव लड़ेंगे, इसका निर्णय इंडिया गठबंधन के साथ सीटों के बंटवारे पर चर्चा होने के बाद किया जाएगा।
वहीं आप प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता का कहना है कि उनके पद छोड़ने का कारण पार्टी विस्तार पर ध्यान देना है। चुनाव को लेकर उनकी नजर अब पूरे हरियाणा पर रहेगी। पार्टी ने उन्हें जिस उम्मीद के साथ जिम्मेदारी दी है, उसे पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि सुशील गुप्ता ने नवंबर 2013 में कांग्रेस का हाथ छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। इसके बाद आप ने वर्ष 2018 में उन्हें राज्यसभा से प्रत्याशी बनाया था। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी इस बार दिल्ली महिला आयोग की मौजूदा अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, नारायण दास गुप्ता और संजय सिंह को राज्यसभा भेजेगी। नारायण दास गुप्ता और संजय सिंह फिर से ऊपरी सदन में आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं स्वाति मालीवाल पहली बार सदन पहुंचेंगी। आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी ने राज्यसभा के लिए तीनों सीटों को मंजूरी दे दी है। यह सभी दिल्ली की तीनों राज्यसभा सीटों पर ऊपरी सदन में प्रतिनिधित्व करेंगे।
गौरतलब है कि दिल्ली से आप नेता संजय सिंह के साथ राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता और नारायण दास गुप्ता राज्यसभा सदस्य हैं। इसमें नारायण दास गुप्ता और संजय को दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि सुशील कुमार गुप्ता की जगह स्वाति मालीवाल को प्रत्याशी बनाया गया है। राज्यसभा चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी ने 2 जनवरी को चुनाव की अधिसूचना जारी की थी। इसके लिए नामांकन भरे जाने की अंतिम तिथि 9 जनवरी तय की गई है।
वहीं दिल्ली की एक अदालत ने जेल में बंद आप नेता संजय सिंह को राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन भरने और उससे जुड़े दस्तावेजोंपर दस्तखत करने की इजाजत दे दी है। संजय सिंह को दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ़्तार किया गया था। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार स्पेशल जज एमके नागपाल ने संजय सिंह की याचिका पर वीरवार को यह आदेश सुनाया है। संजय सिंह इस समय राज्यसभा से सांसद हैं और 27 जनवरी को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है।
संजय सिंह की याचिका में इस सिलसिले में तिहाड़ जेल के अधीक्षक को निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी। जज एमके नागपाल का फैसला है कि अगर अभियुक्त के लिए उनके वकील 6 जनवरी को दस्तावेज पेश करते हैं तो जेल सुपरीटेंडेंट यह सुनिश्चित करेंगे कि अभियुक्त को उन दस्तावेजों पर दस्तखत करने की इजाजत दी जाए। इसके अलावा कोर्ट ने संजय सिंह को नामांकन के सिलसिले में अपने वकील के साथ चर्चा के लिए आधे घंटे की मोहलत देने का भी निर्देश दिया है। गौरतलब हे कि संजय सिंह को 4 अक्तूबर को गिरफ़्तार किया गया था। ईडी का आरोप है कि दिल्ली की रद्द कर दी गई आबकारी नीति के निर्माण और लागू करने में संजय सिंह की भूमिका रही थी। इस नीति से कुछ शराब बनाने वाली कंपनियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं को फायदा हुआ था। वहीं संजय सिंह ने आरोपों को खारिज किया है।